Sawan 2022: सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है. भगवान शिव की पूजा का पवित्र महीना सावन 14 जुलाई 2022 से शुरू होकर 12 अगस्त 2022 तक चलेगा. सावन की शुरुआत दो शुभ योगों में हो रही है. सावन (Sawan 2022) के पहले दिन विकुंभ और प्रीति योग का संयोग बन रहा है. इस महीने में घर में पार्थिवेश्वर या नर्मदेश्वर के लिंग की पूजा करनी चाहिए. मंदिर में भगवान शिव, पार्वती, गणेश, कार्तिकेय और नंदी सहित शिवपंचायत की पूजा का विधान है. पूजा के दौरान गंगाजल से शिव का अभिषेक सबसे अच्छा माना जाता है.
सावन के पहले सोमवार को बन रहा है विशेष योग
सावन के पहले सोमवार को कई विशेष योग बन रहे हैं. इसमें दोपहर 12:24 बजे से रवि योग शुरू होकर 19 जुलाई को सुबह 5.35 बजे तक रहेगा. इसके साथ ही इस दिन शोभन योग 17 जुलाई को शाम 5:49 बजे से 18 जुलाई को दोपहर 3:26 बजे तक और अभिजीत मुहूर्त पहले सावन सोमवार को सुबह 11.47 बजे से दोपहर 12.41 बजे तक रहेगा. इस शुभ योग में भगवान शिव की आराधना फलदायी होगी.
महादेव की कृपा पाने के लिए जरूर करें ये उपाय
सावन के महीने का पहला (Sawan 2022) सोमवार 18 जुलाई को है और इस दिन रवि नामक योग होता है. इस योग में महामृत्युंजय मंत्र का जाप और शिव पुराण का पाठ मनोकामना पूर्ति के लिए अत्यंत लाभकारी होगा. साथ ही रवि योग में शिव परिवार की पूजा करने से सभी कष्ट दूर होते हैं. साथ ही इस शुभ योग में सावन के पहले सोमवार (Sawan Pahla Somwar 2022) को भगवान शिव को कच्चा दूध, गंगाजल, बेलपत्र, काले तिल, धतूरा, बेलपत्र, मिठाई आदि चढ़ाकर विधिवत पूजा करनी चाहिए.
सावन में जरूर रखें ये सावधानियां
- सावन में भगवान शिव की पूजा का फल कुछ सावधानियां बरतने पर ही मिलता है. सावन में तामसिक भोजन न करें.
- सावन में भगवान शिव का वरदान पाना है तो मांसाहारी भोजन, शराब, हरी पत्तेदार सब्जियां, बैगन, लहसुन, प्याज का त्याग करें.
- सावन के महा में शिवलिंग पर दूध चढ़ाया जाता है, इसलिए दूध का सेवन नहीं करना चाहिए.
- कहा जाता है कि श्रावण मास में शरीर पर तेल नहीं लगाना चाहिए. इसे अशुभ माना जाता है. ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए.
- शिव भक्ति के लिए सावन सबसे पवित्र महीना है, ऐसे में केवल एक समय की नींद लें, बाकी दिन शिव भक्ति में लीन रहना चाहिए.
- इस पावन माह में जो व्यक्ति सच्चे मन से भगवान शिव की पूजा करता है, उसके सभी कष्ट दूर हो जाते हैं, लेकिन भगवान की भक्ति का फल तभी मिलता है जब विचारों में सकारात्मकता हो. सावन में किसी का अपमान न करें, कोई भी अधार्मिक कार्य नही करना चाहिए.
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