बिहार सरकार छात्रों के बस्ते का बोझ कम करने के लिए स्कूलों में नो बैग डे नियम और सप्ताह में कम से कम एक बार अनिवार्य खेल का पीरियड शुरु करने की तैयारी में है। आज से सभी 72 हजार विद्यालयों मे नई व्यवस्था लागू होंने की उम्मीद है। शिक्षा विभाग ने इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर लिया है।
आज से बच्चों के लिए नो बैग की व्यवस्था लागू करने की योजना है। इस दिन खेल की घंटी भी बजेगी। शिक्षा विभाग ने प्रस्ताव तैयार कर लिया हैं। विभागीय सहमति अभी नहीं ली गई है। सहमति मिलने के साथ ही इसे लागू किया जाएगा। शनिवार को बच्चे किताबें लेकर स्कूल नहीं आएंगे। उन्हें प्राकृतिक आपदा के बारे में जानकारी दी जाएगी। खेलकूद, योग, व्यायाम, पीटी आदि के बारे में जानकारी दी जाएगी। इसके लिए स्कूलों में घंटी लगेगी।
वहीं कहा गया है कि उस दिन किसी भी एक विषय पर चर्चा करेंगे ताकि बच्चों को उस विषय के बारे में पता रहा। उसमें सामजिक सुधार, बाल विवाह रोकने और शराबंदी जैसे मुद्दों के बारे में जानकारी दी जाएगी।
चलिए आपको बताते हैं कि नो- बैग डे का क्या फायदा होने वाला है-
- नो- बैग डे की मदद से छात्र सप्ताह में कम से कम एक दिन स्ट्रेस फ्री महसूस करता है
- नो बैग डे की मदद से छात्र रिलैक्स फील करते है एवं फ्री होकर खेलकूद की गतिविधियों में लिप्त होते हैं।
- नो-बैग डे की मदद से छात्र और शिक्षक के बीच के रिश्ते में सुधार आ सकते है एवं दोनों बेहतर रिश्ते बना सकते है। शिक्षक और छात्र के बीच अच्छे रिश्ते हो तो कम्युनिकेशन आसान हो जाता है।
- अतिरिक्त पाठयक्रम गतिविधियां छात्र को मानसिक रूप से मजबूत करनेे में मदद करती हैं।
- नो- बैग डे के दिन छात्र खेलकूद के अलावा पेंटिंग, क्वीज कंपटीशन जैसे में भाग ले सकते हैं। प्रयोगशाला में नए- नए प्रोजक्ट कर सकते है। इन चीजों की मदद से छात्रों ने जो कक्षा में सीखा है वो वास्तव में अपने जीवन में कर सकते हैं।
जब बच्चों से नो बैग डे के बारे में बात की गई तो बच्चों का कहना है कि एक दिन हमारे लिए ये स्ट्रेस फ्री होगा, उस दिन हमारे पर कोई बस्ते का बोझ नहीं होगा और हमें कुछ नए विषयों के बारें में जानकारी मिल सकेगी जो हमारे भविषय में काम आ सकता है। वहीं कई बच्चों ने इसे एक बेहतरीन प्रयास बताया है। टीचर्स ऑफ बिहार लगातार इस व्यवस्था लागू करवाने के लिए प्रयासरत थी। संंबंधित अधिकारियों से मिलकर इस योजना के बारे में जानकारी दी गई थी। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग ने गुणवत्तापूर्ण पढ़ाई के लिए यह जो योजना बनाई है, वह स्वागत योग्य है। बच्चों को भी पढ़ाई के अलावा अन्य गतिविधियों की जानकारी मिलेगी और उसका ज्ञान बढ़ेगा।