पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव का अंतिम संस्कार 14 जनवरी को मध्य प्रदेश के होशंगाबाद स्थित उनके पैतृक गांव बंदाई में किया जाएगा। आज यानी 13 जनवरी को उनके पार्थिव शरीर को सुबह 10 बजे से अंतिम दर्शन के लिए उनके दिल्ली स्थित आवास 5 A वेस्टेंड, छतरपुर फार्म, नई दिल्ली में रखा जाएगा।
वहीं शरद यादव की बेटी और उनके दामाद ने इस संबंध में जानकारी दी है। बता दें कि पूर्व केंद्रीय मंत्री और लगातार 13 साल जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव की मौत गुरुवार को गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल में कार्डियक अरेस्ट से हुई थी। उनकी मौत की खबर उनकी बेटी ने सोशल मीडिया के जरिए दी थी। उनकी बेटी और बेटे ने ट्वीट पर लिखा, ” पापा अब इस दुनिया में नहीं रहे “।
आपको बता दें कि शरद यादव को पीछड़ो की राजनीति का चैंपियन माना जाता था। लेकिन एक वक्त ऐसा भी आया जब उन्होंने धुरविरोधी राष्ट्रवादियों और समाजवादियों को एक करने का काम किया। चलिए आपको शरद यादव के राजनीतिक जीवन के बारे में बताते है-
शरद यादव ने बिहार के मधेपुरा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से चार बार चुनाव जीता था। वो दो बार मध्यप्रदेश में जबलपुर से सांसद चुने गए। इसके अलावा वो उत्तर प्रदेश के बदायूं से भी सांसद चुने गए थे। शरद यादव गैर कांग्रेसवाद के कट्टर समर्थक थे।
बीजेपी व समाजवादी विचारों वाली जेडीयू को एक गठबंधन में जोड़े रखा
वहीं साल 2008 में उन्होंने बीजेपी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के संयोजक के रूप में ज़िम्मेदारी संभाली। अगले 5 साल तक वो इस पद पर कायम रहे और राष्ट्रवादी बीजेपी व समाजवादी विचारों वाली जेडीयू को एक गठबंधन में जोड़े रखा। हालांकि, 2013 में जब जेडीयू, एनडीए से अलग हुई तो शरद यादव ने संयोजक के पद से इस्तीफा दे दिया था।
बड़े नेताओं ने व्यक्त किया शोक
शरद यादव के निधन पर तमाम बड़े नेताओं ने शोक व्यक्त किए है। पीएम मोदी ने भी उनके निधन पर शोक जताया। इसके अलावा गृहमंत्री अमित शाह और बिहार के सीएम नीतीश कुमार समेत कई राजनेताओं ने शरद यादव के निधन पर संवेदना जताई।