भतीजे अखिलेश यादव और चाचा शिवपाल यादव के बीच मनमुटाव अब भी जारी है। जिसके चलते प्रसपा संस्थापक शिवपाल यादव ने कहा कि उनका सपा से अब कोई संबंध नहीं है। साथ ही उन्होंने विधानसभा चुनाव में अखिलेश के साथ रहना उनकी बड़ी ऐतिहासिक भूल बताया है। लेकिन सपा के विधानसभा चुनाव हारने के बाद चाचा भतीजे के रास्ते फिर से अलग-अलग हो गए है। शिवपाल ने कहा की मुझे कई बार धोखा मिला है। साथ ही उन्होंने कहा कि अगर मैनपुरी से मुलायम सिंह यादव चुनाव लड़ते है तो उन्हें जिताएंगे लेकिन वहीं उन्होंने कहा कि अगर मुलायम यादव चुनाव नहीं लड़ा तो हम प्रत्याशी उतारेंगे।
अखिलेश उन्हें विधायक नहीं मानते
इसी बीच उनसे सवाल किया गया कि वो सपा का विधायक होने को लेकर क्या कहेंगे। इस पर जबाव देते हुए शिवपाल कहते है कि उसने सपा के चुनाव निशान के साथ विधानसभा चुनाव लड़ा लेकिन पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उन्हें अपना विधायक नहीं मानते। उनसे बीजेपी के साथ गठबंधन को लेकर भी सवाल पूछा गया शिवपाल ने इस प्रश्न का जवाब देने जरूरी नहीं समझा। उन्होंने अपने जवाब में सिर्फ इतना कहा कि वह चुनाव के वक्त तय करेंगे । लेकिन कहीं ना कहीं उन्होंने अपने मनसूबे ये कह कर साफ कर दिए कि अगर कोई हाथ बढ़ाएगा तो कार्यकर्ताओं की राय लेकर कंधे से कंधा मिलाने पर विचार किया जाएगा।
गुजरात में भी लड़ेंगे चुनाव
उन्होंने कहा कि सभी सपा सदस्यों से बता होती है लेकिन लोकसभा चुनाव को लेकर अभी कोई बात नहीं हुई है। शिवपाल आगे कहते है कि डीपी यादव उनके साथ है। तो वहीं यदुकुल पुनर्जागरण मंच में शामिल सभी नेता साथ-साथ नजर आएंगे। लेकिन इसी बीच उन्होंने कहा कि कांग्रेस से उनके किसी तरह के कोई संबंध नहीं है। शिवपाल ने कहा कि वह राम मनोहर लोहिया, मधू लिमये के साथ-साथ स्व ज्र्ज फर्नांडिस और शरद यादव जैसे नेताओं की विरासत आगे बढ़ाना चाहते है।
इसी बीच प्रसपा के प्रदेश अध्यक्ष आदित्य यादव ने कहा कि यूपी के सभी जिलाध्यक्ष नगर निकाय की तैयारियों में जुटे है। वहीं गुजरात, मध्य प्रदेश सहित अन्य राज्यों के लोग भी पार्टी के संपर्क में हैं। इन राज्यों में भी हम चुनाव लड़ेंगे।