नगर पंचायत चोपन में वैसे तो कई पंचवर्षीय से निर्दली प्रत्याशी का बोलबाला रहा है। पूर्व में निर्दली प्रत्याशी फरीदा बेगम ने जीत तय की थी। दरअसल फरीदा बेगम ने अपने चैयरमेन पति इम्तियाज अहमद की मौत की वजह से खाली हुई नगर पंचायत चोपन की सीट से उपचुनाव में बीजेपी के प्रत्याशी को हराकर जीत हासिल की थी। इस बार अनारक्षित सीट होने की वजह से सभी पार्टियों में कई प्रत्याशी चर्चा में चल रहे थे।
बीजेपी कार्यकर्ता हुए बागी?
लेकिन चोपन से बीजेपी ने अपने सहयोगी दल निषाद पार्टी को सोनभद्र के नगर पंचायत चोपन में इंट्री करा कर सबको हैरान कर दिया। निषाद पार्टी के प्रत्याशी को मैदान में उतार कर बीजेपी के बाकी प्रत्याशी को झटका दे दिया। जाहिर सी बात है बीजेपी से जो 5 साल से प्रत्याशी बनने के लिए मेहनत कर रहे थे वो बागी होकर मैदान में उतर गए है। वैसे तो कई चेहरे मैदान में उतर आए है चोपन नगर पंचायत का प्रतिनिधित्व करने के लिए। लेकिन मुकाबला दो ही प्रत्याशी में देखने को मिलता आया है। इस बार भी दो ही प्रत्याशियों का ही बोलबाला होने की उम्मीद जताई जा रही है। एक तरफ जहां निषाद पार्टी ने उस्मान अली को मैदान में उतारा है तो वही निर्दली प्रत्याशी के रूप में संजय जैन ने पर्चा भर शिर्ष नेतृत्व को संदेश दिया कि पार्टी का फैसला गलत है।
‘निषाद पार्टी ने अपने कार्यकर्ताओं को नहीं दी टिकट, बल्कि…’
वहीं संजय जैन का कहना है कि बीजेपी के कई पदाधिकारी व कार्यकर्ता हमारे साथ है। संजय जैन ने कहा कि हम बचपन से ही अटल व आडवाणी के सहयोगी और सपोर्टर रहे है। निषाद पार्टी ने पूरे पूर्वांचल में मात्र चोपन की सीट को ब्लैकमेल करके शिर्ष नेतृत्व से लिया। निषाद पार्टी ने अपने कार्यकर्ताओं में से किसी को टिकट न देकर जो कई वर्षों से भाजपा विरोधी रहे उन्हें टिकट बेचकर दे दिया। चुनाव लड़ने के मुद्दे पर संजय जैन ने कहा कि, नगर में रेलवे की सबसे बड़ी समस्या है। रेलवे जमीन को लेकर जनता को परेशान करते आया है। किसी नेता ने रेलवे के खिलाफ आवाज़ नहीं मुखर की, मात्र संजय जैन ही है जो रेलवे से जनता की हक की लड़ाई को लेकर हमेशा मुखर रहे है। जितने के बाद जनता और रेलवे के अधिकारियों से मिलकर समनवय बनाकर समाधान निकालने की कोशिश करूंगा।
वहीं निषाद पार्टी से उम्मीदवार बनाये गए उस्मान अली ने कहा कि, मैन मुद्दा विकास है सभी के सहयोग से विकास करना है। अंतिम व्यक्ति तक विकास पहुँचेगा। गठबंधन में कोई विवाद नहीं है। सारे संगठन के लोग हमारे साथ खड़े है।
‘हमें विश्वास है जिले की सारी सीट जीतेंगे’
चोपन नगर पंचायत की सीट निषाद पार्टी के कोटे में जाने के मुद्दे के जवाब में समाज कल्याण मंत्री संजीव गोंड बचते नज़र आये। उन्होंने बात को घुमाते हुए कहा कि शिर्ष नेतृत्व ने सभी जगह सोच समझकर टिकट दिया है और हमें विश्वास है जिले की सारी सीट जीतेंगे। केंद्र सरकार की योजना को ही नगर पंचायत में सीट आने पर पूरा किया जाएगा। प्रदेश नेतृत्व का निर्णय सर्वमान्य है। हमारी पार्टी का एक-एक कार्यकर्ता और पदाधिकारी का जो नामांकन में हुजूम उमड़ा है उसे देख कर लगता है पार्टी में कोई असंतोष नहीं है।
किसी ओर जाएंगे बागी विधायक…
वहीं लेकिन जिस तरह की चोपन नगर पंचायत में चुनाव की चर्चा है। उससे ये अंदाज़ा लगाना मुश्किल नहीं कि आने वाले समय मे बीजेपी पार्टी की किरकिरी होनी तय है। कौन सा कार्यकर्ता किस और जाएगा इसका अंदाज़ा कुछ दिन में लगाया जा सकता है। निषाद पार्टी और बीजेपी में ज़रूर गठबंधन हो गया हो, लेकिन दोनों पार्टी के कार्यकर्ता अपना-अपना गोल निर्धारित करके चल रहे है। हालांकि अभी तक किसी ने खुल कर कुछ कहा नहीं। लेकिन दबी जुबान कार्यकर्ता कहने लगे है कि बीजेपी एक मात्र संसदीय सीट को अपना दल को देती आई है और अब चोपन नगर पंचायत की सीट को भी गठबंधन में देकर बीजेपी कार्यकर्ताओं के भविष्य को दांव पर लगा दी है।
कहावत है कि चाहे कोई कितना भी दागी हो…
इसी तरह अगर जिले में गठबंधन में सीट जाती रही तो बीजेपी कार्यकर्ता बगावत करते नज़र आएंगे। भले से ही शिर्ष नेतृत्व हाथ मिला लिया हो, लेकिन पार्टी कार्यकर्ताओं के एक दूसरे पार्टी से दिल से दिल न मिले तो अंतरकलह होना निश्चित है। हालांकि एक कहावत है कि चाहे कोई कितना भी दागी हो या कोई कितना भी एन्टी बीजेपी हो, जो बीजेपी में आ गया वो सुद्ध हो गया और सभी के लिए हितेषी हो गया। अब तो वक़्त ही बताएगा चोपन नगर पंचायत का भविष्य जैसा पहले भी बदस्तूर चलता आया है कि नगर की सीट पर सबसे ज्यादा बार निर्दली ही चुनाव जीतते आये है।
निर्दलीय की दल-दल में खिलेगा BJP का कमल
पिछले 10 वर्षों से निर्दली का ही बोलबाला रहा है। इस बार भी कही बागी होकर बीजेपी से निर्दली उम्मीदवार कहीं जीत का सेहरा न पहन ले या फिर इस बार सारी मिथ्या ही मिट कर नई इतिहास रचा जाएगा कि एक पार्टी विशेष का प्रत्याशी जीत जाए। चोपन से आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी शंकर निषाद होंगे। केजरीवाल के दिल्ली मॉडल को लेकर जनता के चहते बनने की उनकी पूरी कोशिश होगी। सपा ने जहाँ गणेश यादव को अपना प्रत्याशी बनाया है तो वही कांग्रेस ने पिछड़ा मोर्चा के प्रदेश सचिव सेत राम केसरी को उम्मीदवार बनाया है। कई चेहरे निर्दली के रूप में भी डंके की चोट पर चुनावी समर में कूद गए है।