आजकल IPL को लेकर देश में माहौल बना हुआ है, हाल ही में महेंद्र सिंह धोनी(MS DHONI) की चेन्नई सुपरकिंग्स(CSK) ने IPL 2023 के फाइनल में गुजरात टाइटंस(GT) को हराकर पांचवी बार IPL ट्रॉफी अपने नाम की है। हर बार की तरह इस सीजन भी कई भारतीय खिलाड़ियों ने लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा। इसके इतर एक अहम मुद्दा ये भी है कि कई प्रतिभाशाली और अच्छे क्रिकेटर IPL में जगह नहीं बना पाते जिस कारण ऐसे खिलाड़ियों पर आम जनता की नजर जा ही नहीं पाती। इसी कड़ी में आज हम आपको विराट कोहली(VIRAT KOHLI) और ईशांत शर्मा(ISHANT SHARMA) के पुराने दोस्त अंशुल गुप्ता(ANSHUL GUPTA) के बारे में बताएंगे जिनके खेल से प्रभावित होकर विराट भी कहा करते थे कि वे एक दिन भारतीय टीम के लिए जरूर खेलेंगे, लेकिन फिर ऐसा क्या हुआ कि इतने शानदार क्रिकेटर होने के बावजूद अंशुल IPL में किसी टीम में शामिल नहीं हो पाए।
अंशुल गुप्ता ने भारतीय टीम के महान क्रिकेटर और पूर्व कप्तान, रन मशीन विराट कोहली के साथ मिलकर कई बार विरोधी टीम के छक्के छुड़ा दिए हैं वही टीम इंडिया के क्रिकेटर ईशात शर्मा जैसे शानदार गेंदबाज भी उनके सामने गेंदबाजी करने से डरते थे।आपको बता दे कि अशुल गुप्ता(Anshul Gupta) दिल्ली एनसीआर के गाजियाबाद मे रहते है। जिनकी उम्र 32 साल है। अशुल का जन्म 20 दिसंबर 1989 में हआ था। इनके पिता जी हरीश चंद्र गुप्ता पेशे से वकील है। आपको बता दे कि इनके क्रिकेटर बनने का सपना सबसे पहले इनकी मां ने समझा और उसके बाद 1997 से उनके करियर की शरुआत हुई स्कूल से घर और घर से स्कूल जिसमे उनका सबसे साथ उनकी मां ने दिया।
अशुल का मां बताती है कि अशुल जब छोटा था तो वह दिल्ली के नेशलन स्टेडियम में अभ्यास करने के लिए जाया करता था। उस वक्त ट्रांसपोर्ट के लिए ज्यादा साधन नही हुआ करते थे जिसको चलते अंशुल ट्रेन से रोज अभ्यास करने स्टेडियम जाते थे। और इसका असर भी बहुत जल्द देखने को मिला और उनका अंडर-15 दिल्ली के लिए चयन हुआ।आपको बता दे कि लगातार दिल्ली की टीम मे जगह बनाए रखने के बाद अडर-17 मे उन्होने रन मशीन विराट कोहली और ईशात शर्मा के साथ क्रिकेट खेला। आपको बता दे कि अशुल विराट से कहते थे कि तमु बहुत शानदार खेलते हो तुम एक दिन टीम इंडिया के लिए जरुर खेलेगो इस पर विराट कहते है कि हम दोनो ही भारतीय टीम के लिए खेलेंगे। इसी दौरान अशुल की मुलाकात ईशात शर्मा से हुई आपको बता दे कि ईशात उनको श़ॉर्ट बाल करने से डरते थे। साथ ही अपने साथ खले रहे खिलाड़ियो को बताते थे कि अशुल को गलती से भी शॉर्ट गेंद न डाले वह पुल और कट अच्छा खेलते है। बता दे कि 2004 से लेकर 2010 तक अंशुल ने दिल्ली के लिए क्रिकेट खेला। जिसके बाद वे अंडर-22 तक पहुंचे।
अडर-22 में जब वह खेलते थे तभी उनको नेवी कोच रघुवीर झाला ने बैटिग करते हुए देखा तो तुंरत ही उनको सर्विसेस की तरफ से खेलने के लिए आमंकत्रित किया। जिसके साथ ही उनको नेवी मे नौकरी करने का अवसर मिला। घरवालो की रंजामदी के बाद अंशुल ने 2012 से सर्विसेस के तरफ से रणजी की शुरुआत की थी।जिसमे मे वो 2016-17 में बतौर कप्तान खेले है। आपको बता दे कि उन्होने ने दस साल मे प्रथम श्रेणी क्रिकेट में लगभग 45 मैच खेले जिनमें 2246 रन 38.8 के एवरेज और 43.3 के स्ट्राइक रेट के साथ रन बनाए है। अंशुल ने विजय हजारे ट्रॉफी में भी 2 साल खेले है जिसमे 10 मैच में 174 रन ही बना सके।
आपको बता दे कि जब आईपीएल की शरुआत हुई तो खिलाड़ियो की बोली लगना शुरु हुई है। जिसमे बीसीसीआई और सर्विसेज कै मैनजमेंट आमने सामने आ गया जंहा एक तरफ आईपीएल मे खिलाड़ियो की बोली लग रही थी तो वही दूसरी तरफ सर्विसेज की तरफ से यह कहना था कि यह खिलाड़ी हमारे देश फौजी है एक फौजी कभी भी बिक नही सकता है लगभग 5 साल तक सर्विसेस ने भी टीम मे आईपीएल से बैन रखा था।
आपको बता दे कि 2017 के बाद जब आईपीएल से बैन हटाया गया तो उसके बाद खिलाड़ियो में कही न कहीं एक उम्मीद जगी थी। कि उनको आईपीएल में खेलने का मौका मिलेगा लेकिन बीसीआई ने सर्विसेस के इस बयान का मना भी नही रखा था। इसलिए तब से अभी तक शायद ही किसी खिलाड़ी को सर्विसेज से आईपीएल मे खेलने का मौका मिला हो. आपको बता दे कि अंशुल सर्विसेज मे चयन होने के बाद 2011 से 2019 तक नेवी में मुंबई में जॉब कर रहे थे और अब उनका ट्रांसफर विशाखापटृनम मे किया गया है अंशुल नेवी में जूनियर कमीशनर ऑफिसर हैं।