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CWG 2022: स्कवॉश में सौरव घोषाल ने जीता ब्रॉन्ज मेडल, प्रधानमंत्री मोदी ने कह डाली बड़ी बात

CWG 2022: स्कवॉश में सौरव घोषाल ने जीता ब्रॉन्ज मेडल, प्रधानमंत्री मोदी ने कह डाली बड़ी बात

कॉमनवेल्थ गेम्स के इतिहास में पहली बार स्कवॉश सिंगल इवेंट में कांस्य पदक जीतने वाले 35 वर्षीय सौरभ घोषाल लगातार राष्ट्रीय स्तर पर कामयाबी की नई इबारतें लिख रहे हैं। कोलकाता के रहने वाले घोषाल ने 2018 के चैंपियन को हराकर कांस्य पदक जीता है। इसके साथ ही वह देश के पहले खिलाड़ी बन गए हैं, जिन्होंने स्कवॉश सिंगल इवेंट में मेडल जीता है। उनकी जीत को लेकर शहर में खुशी की लहर है। शहर के मशहूर लक्ष्मीपत सिंघानिया स्कूल से स्कूली शिक्षा पूरी करने वाले सौरभ भारत के स्कवॉश सुपरस्टार भी कहलाते हैं।

Photo: Saurav Ghoshal at CWG 2022 ( Source – Narendra Modi Twitter)

परिवार से दूर रह रहे थे सौरभ घोषाल

कॉमनवेल्थ गेम्स में देश को गौरवान्वित करने वाले घोषाल इस सफलता के लिए बड़ी कुर्बानी देते रहे हैं। अपनी ट्रेनिंग और प्रैक्टिस पर ध्यान केंद्रित करने के लिए वह अपने परिवार से दूर रह रहे। जब उन्होंने ब्रोंज मेडल जीता और 2018 के चैंपियन को हराया, तब कोर्ट के भीतर उनकी खुशी, आंसू और उत्साह देखते ही बनता था। जीत के बाद स्टैंड्स में बैठी पत्नी के गले लग कर जिस तरह से वह भावुक हो उठे, इससे यह अंदाजा लगाना कठिन नहीं था कि लक्ष्य प्राप्ति की अपनी साधना में सौरभ ने परिवार से अलग रहकर कितनी बड़ी कुर्बानी दी थी।

कोलकाता के जिस स्कूल में उन्होंने पढ़ाई की थी, उस स्कूल में उनकी तस्वीर लगा दी गई है ताकि वहां पढ़ने वाले बच्चे उनसे प्रेरित हो सकें। हालांकि लक्ष्मीपत सिंघानिया स्कूल से अपनी स्कूली शिक्षा पूरा करने के बाद वह चेन्नई चले गए थे, जहां आईसीएल स्कवॉश अकादमी में उन्होंने दाखिला लिया था। उनका प्रशिक्षण सेवानिवृत्त मेजर मनियम और साइरस पोचा ने पूरा कराया था। इसके पहले नई दिल्ली में 2006 में राष्ट्रीय चैंपियनशिप में गौरव नांद्राजोग को हराने के बाद सौरभ पूरे देश में चर्चित हो गए थे। मई 2010 तक उनकी विश्व रैंकिंग 27 थी। उन्होंने एशियाई खेलों में 2006 में दोहा में कांस्य पदक जीता था। अगस्त 2007 में भारत के राष्ट्रपति ने उन्हें अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया था। इस प्रकार से यह पुरस्कार पाने वाले वह देश के पहले स्क्वैश खिलाड़ी भी बने थे। उन्होंने अपने गृह क्षेत्र कोलकाता के रैकेट क्लब से ही स्कवॉश खेलना शुरू किया था और यही उनका प्रशिक्षण मेजर मनियम और साइरस ने शुरू कर दिया था। सौरभ ने कॉमनवेल्थ गेम्स 2018 में भी सिल्वर मेडल अपने नाम किया था, जबकि एशियन गेम्स में वह पांच ब्रॉन्ज, एक गोल्ड और एक सिल्वर मेडल जीत चुके हैं।

PM मोदी ने भी की तारीफ –

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सौरव घोषाल की जमकर तारीफ करते हुए ट्वीट किया और लिखा “सौरव घोषाली को देखकर खुशी होती है सफलता की नई ऊंचाइयां छू रहे हैं। बर्मिंघम में उन्होंने जो कांस्य पदक जीता है वह बहुत खास है। उसे बधाई। उनकी उपलब्धियां भारत के युवाओं के बीच स्क्वैश की लोकप्रियता को बढ़ाने में मदद करें।”

कॉमनवेल्थ गेम्स में घोषाल का अब तक का सफर

2010 : तीसरे राउंड में बाहर

2014 : ब्रॉन्ज मेडल मैच हारे

2018 : राउंड ऑफ 32 में बाहर

2022 : ब्रॉन्ज मेडल पर कब्जा

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