बीती रात BCCI ने अगले महीने बांग्लादेश जाने वाली एकदिवसीय टीम की घोषणा की थी जिसमें दो नए बदलाव किए गए थे, पहला बदलाव रविंद्र जड़ेजा की जगह शाहबाज अहमद को खिलाना था और दूसरा बदलाव था यश दयाल की जगह कुलदीप सेन को खिलाना। इस पूरी टीम के ऐलान के बाद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी BCCI पर सोशल मीडिया पर जातिवाद करने का आरोप लग रहा है। Twitter पर #CasteistBCCI का हैशटैग ट्रेंड कर रहा है, कोई कह रहा है कि BCCI केवल हिंदूओं को खिलाती है तो कोई कह रहा कि ये सिर्फ ब्राम्हणों की टीम है और दलित और पिछड़ी जातियों से आने वाले खिलाड़ियों के साथ नाइंसाफी कर रही है।

ऐसा सच में है या नहीं इसके बारे में कोई भी फैसला लेने से पहले हमें ये देख लेना चाहिए कि बांग्लादेश के खिलाफ 17 खिलाड़ियों की एकदिवसीय टीम का ऐलान किया गया है जिसमें सिर्फ 3 मुस्लिम खिलाड़ी हैं और बाकी के सभी खिलाड़ी या तो ब्राम्हण हैं या फिर उच्च जाति के हिंदू।

क्या है बांग्लादेश के खिलाफ पूरी टीम –
रोहित शर्मा (C), केएल राहुल (VC), शिखर धवन, विराट कोहली, रजत पाटीदार, श्रेयस अय्यर, राहुल त्रिपाठी, ऋषभ पंत (WK), इशान किशन (WK), शाहबाज़ अहमद, एक्सर पटेल, वाशिंगटन सुंदर, शार्दुल ठाकुर , मो. शमी, मो. सिराज, दीपक चाहर, कुलदीप सेन

इस टीम में आप देख सकते हैं कि रोहित शर्मा, केएल राहुल,श्रेयस अय्यर,राहुल त्रिपाठी,ऋषभ पंत और ईशान किशन ये 6 खिलाड़ी ब्राम्हण हैं इनके अलावा विराट कोहली, शिखर धवन,रजत पाटीदार,अक्षर पटेल,शार्दुल ठाकुर, दीपक चाहर और कुलदीप सेन ये सभी खिलाड़ी हिंदू उच्च जातियों के हैं।

टीम में केवल मोह्ममद शमी, मोहम्मद सिराज और बदलाव के बाद शाहबाज अहमद सहित केवल 3 मुस्लिम खिलाड़ी हैं।

ऐसे में सोशल मीडिया पर सवाल उठना लाजमी है कि क्या पिछड़ी जातियों के खिलाड़ियों के साथ अन्याय किया जा रहा है, क्योंकि अगर आंकड़ों पर नजर डालें तो सूर्यकुमार यादव इस समय ICC T20I रैंकिंग में नंबर 1 पर हैं और इस फॉर्म में भी उन्हें टीम में शामिल ना करना जातिवाद की ओर ईशारा जरूर करता है।