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नए साल के साथ BCCI की नई शुरूआत, मुबई में बुलाई अहम मीटिंग, लिए ये 3 अहम फैसले

नए साल के साथ BCCI की नई शुरूआत, मुबई में बुलाई अहम मीटिंग, लिए ये 3 अहम फैसले

नए साल के शुरू होते ही BCCI भी नए एक्शन मोड में आ गया है और इस साल वो पिछले साल की गलतियों को दोहराना नहीं चाहते और पहले से कई गुना बेहतर नतीजे 2023 में हासिल करना चाहते हैं। सीनियर सेलेक्शन कमेंटी तो पहले ही नई बन रही और ऊपर से BCCI ने अब 2023 शुरू होते ही अपना रोडमैप बना लिया है जिसकी शुरूआत मुंबई में एक बेहद अहम मीटिंग से की है।

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी BCCI ने रविवार 01 जनवरी 2023 को मुंबई में टीम इंडिया मेंस सीनियर टीम की समीक्षा बैठक बुलाई।

बैठक में बीसीसीआई अध्यक्ष रोजर बिन्नी, सचिव जय शाह, भारतीय कप्तान  रोहित शर्मा, टीम इंडिय के मुख्य कोच राहुल द्रविड़, NCA प्रमुख वीवीएस लक्ष्मण और सीनियर सेलेक्शन कमेटी के अध्यक्ष चेतन शर्मा ने भाग लिया।

बैठक के दौरान आईसीसी क्रिकेट विश्व कप 2023 के रोडमैप के साथ-साथ खिलाड़ियो की उपलब्धता, कार्यभार प्रबंधन यानी वर्क लोड मेनेजमेंट और फिटनेस मापदंडों के मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई।

इस अहम मीटिंग में कई फैसले लिए गए जैसे –

1. उभरते खिलाड़ियों को राष्ट्रीय टीम में चयन के योग्य होने के लिए पर्याप्त घरेलू सत्र खेलना होगा।.

यानी जो भी खिलाड़ी सीनियर टीम में सेलेक्ट होना चाहते हैं उन्हें खूब सारे घरेलू मैच खेलने होंगे जिनमें प्रदर्शन के बलबूते उनका सेलेक्शन होगा।

2. यो-यो टेस्ट और डेक्सा अब चयन मानदंड का हिस्सा होंगे और खिलाड़ियों के केंद्रीय पूल के अनुकूलित रोडमैप में लागू होंगे।

इसका मतलब है कि यो यो टेस्ट के साथ-साथ अब डेक्सा टेस्ट भी उन सभी खिलाड़ियों का होगा जो किसी भी सीरीज या टूर्नामेंट की स्कवॉड में चुने जाएंगे।

अब ज़रा ये जान लेते हैं कि ये यो यो टेस्ट और डेक्सा टेस्ट आखिर होते क्या हैं और इन्हें क्यों कराया जाता है।

यो यो टेस्ट

यो यो टेस्ट एक aerobic endurance fitness test है, खिलाड़ियों की फिटनेस को परखने के लिए यो यो टेस्ट कराया जाता है। इसमें बढ़ती गति पर 20 मीटर की दूरी पर स्थित मार्करों के बीच खिलाड़ियों को दौड़ना होता है।

डेक्सा टेस्ट –

डेक्सा टेस्ट खिलाड़ियों की हड्डी की ताकत को मापने के लिए किया जाता है और हड्डी में संभावित फ्रैक्चर की जानकारी भी प्रदान कर सकता है। इस टेस्ट से बीच मैच में खिलाड़ियों के चोटिल होने की संभावना कम हो जाएगी। भारतीय टीम पिछले काफी समय से खिलाड़ियों के अचानक चोटिल हो जाने से काफी नुकसान झेल रही है ऐसे में डेक्सा टेस्ट हो जाने से काफी हद तक पहले ही पता चल जाएगा कि खिलाड़ी की हड्डियां कितनी मजबूत हैं और वे खेलने योग्य हैं या फिर उन्के चोटिल होने की संभावना है।

3. पुरुषों के एफटीपी और आईसीसी सीडब्ल्यूसी 2023 की तैयारियों को ध्यान में रखते हुए, एनसीए आईपीएल फ्रेंचाइजी के साथ मिलकर आईपीएल 2023 में भाग लेने वाले लक्षित भारतीय खिलाड़ियों की निगरानी करेगा।

इस तीसरे पाइंट में BCCI का कहना है कि टीम के भविष्य के प्तान और 2023 विश्व कप को मद्देनजर रखते हुए। NCA यानी नेशनल क्रिकेट ऐकेडमी IPL की सभी फ्रेंचाइजी यानी टीमों के साथ मिलकर IPL 2023 में खेलने वाले भारतीय युवा खिलाड़ियों की निगराने करेगा। इससे उन खिलाड़ियों के नेशनल टीम में सेलेक्ट होने के चांसेज बढ़ जाएंगे जो खिलाड़ी IPL  में काफी अच्छा प्रदर्शन करेंगे।

मीटिंग में लिए गए इन फैसलों के बाद भारतीय क्रिकेट में क्या बदलाव होंगे?

01. डेक्सा टेस्ट  के बाद पहले से ही हड्डियों की ताकत और संभावित चोट के पता चलने से बीच मैच में खिलाड़ी कम चोटिल होंगे जिससे टीम होने वाले बदलाव के लिए पहले से पूरी तरह तैयार होगी।

02. डोमेस्टिक यानी घरेलू खेल में बेहतर करने वाले खिलाड़ियों पर BCCI की और अधिक नजर पड़ेगी और उनके नेशनल टीम में सेलेक्शन होने के चांस बढेंगे जिससे और भी अधिक नए खिलाड़ी अंतर्राष्ट्रीय मंच पर अपना खेल दिखा पाएंगे।

03. IPL  में अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को उनकी टीम द्वारा NCA को रिकमेंड किया जा सकता है जिससे वे खिलाड़ी भी नेशनल टीम में अधिक सेलेक्ट हो पाएंगे।

इन फैसलों से BCCI को मिलेंगी नई चुनौतियां

इन फैसलों में अधिक युवा और प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को अंतर्राष्टीय मंच देने की बात की गई है चाहे वो खरेलू क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी हों या फीर IPL 2023 में महफिल लूटने वाले युवा हों। इन सभी को मिलाकर BCCI के पास नेशनल पूल में  खिलाड़ियों की संख्या और अधिक बढ़ जाएगी। इतने अधिक खिलाड़ि होने के बाद टीम को तमाम सीरीजों एशिया कप और विश्व कप के लिए टीम चुनने में परेशानी भी हो सकती है और जातिवाद जैसे कई आरोप भी लग सकते हैं जैसा कि टी20 विश्व कप 2022 के बाद लगे थे। तब के मुकाबले इस नए प्लान के बाद अब पूल में खिलाड़ी बढ़ जाने से एक ओर खिलाड़ियों के बीच में प्रतियोगिता भी बढ जाएगी जिससे संभव है कि नई सेलेक्शन कमेटी पहले के मुकाबले और अच्छी टीम चुनेगा।

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