सुप्रीम कोर्ट ने राज्य में अवैध शराब के बड़े पैमाने पर निर्माण और बिक्री पर पंजाब सरकार को फटकार लगाई और कहा कि पंजाब राज्य में ड्रग्स और शराब एक गंभीर मुद्दा बनता जा रहा है। गरीब लोग नशे की चपेट में आकर मर रहे हैं. पंजाब में हर एक गली में भट्टी है.
बॉर्डर क्षेत्र का यह हाल
अगर बॉर्डर क्षेत्र ही इन नशीली पदार्थों से सुरक्षित नहीं है तो इस तरह देश की तबाही ज्यादा दूर नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार से नकली शराब की बिक्री पर रोक लगाने के लिए बड़ा कदम उठाने को कहा है और उन कदमों पर डिटेल्ड एफिडेविट दाखिल करने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार से अवैध शराब बनाने के काम को रोकने के लिए उठाए गए कदमों की सूची भी बनाने को कही है और अगर कार्रवाई नहीं हुई तो वहा की स्थानीय पुलिस को जवाब देना होगा और इस मामले में अगले सोमवार को सुनवाई होगी.
2017 की एक रिपोर्ट के अनुसार
2017 की एक रिपोर्ट के अनुसार, पंजाब में शराब के सेवन से 65.5 प्रतिशत युवाओं की मौत, अन्य सभी नशीली पदार्थों में शराब 41.8 प्रतिशत के साथ सबसे अधिक उपयोग किया जाने वाला पदार्थ था। शराब के बाद सिगरेट 21.3 प्रतिशत है,जो राज्य में सबसे अधिक खपत होने वाली नशीली पदार्थों में से एक है। और 20.8 प्रतिशत हेरोइन लेने वालों की संख्या हाई फ्रीक्वेंसी पर थी।