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भक्त डाकघर में लगाते है मनपसंद जोड़ी से लेकर गृहप्रवेश तक की अर्जी,

भक्त डाकघर में लगाते है मनपसंद जोड़ी से लेकर गृहप्रवेश तक की अर्जी, भगवान को भेजी जाती है रोज 150 चिट्टियां

इंटरनेट के जमाने में चिट्ठी की अहमियत कम हो गई है। चिट्ठी लिखने वाले को पुराने जमाने की सोच वाला मान समझा जाता है। लेकिन केरल में अब भी एक ऐसा पोस्ट ऑफिस है, जहां चिट्ठियों का दौर जारी है। यहां हर रोज सादे पोस्टकार्ड, स्क्वाट लिफाफे, आसमानी नीले अंतर्देशीय पत्र निकाले जाते हैं। ये सारी चिट्ठी स्वामी अय्यप्पा सबरीमाला पीओ, 689713 को संबोधित की जाती हैं।

भगवान को भेजी जाती है रोज 150 चिट्टियां

इस बीच पोस्टमास्टर अरुण पीएस ने बताया कि केरल के इस डाकघर में अभी भी भगवान अयप्पा को प्रतिदिन 100-150 पत्र भेजे जाते हैं। ये डाकघर 1963 में स्थापित किया गया था जो कोविड के दौरान बंद था। जिसे अब 20 जनवरी 2023 तक चलने वाले मंडला-मकरविलक्कू उत्सव को ध्यान में रखते हुए खोला जा चुका था।

भगवान को भेजते हैं शादी, बच्चे के नामकरण समारोह के निमंत्रण

हालांकि अरुण स्पष्ट रूप से नहीं पढ़ सकता है कि अंतर्देशीय पत्रों और लिफाफों में क्या है। लेकिन उनका कहना है कि ज्यादातर लोगों की वादी अपीलें हैं जो बीमारी या वित्तीय संकट को कम करने के लिए अयप्पा का आशीर्वाद मांगते हैं। इसके अलावा शादी, बच्चे के नामकरण समारोह या गृह-प्रवेश के निमंत्रण भी लोग पोस्ट से अयप्पा को भेजते हैं।

यहां तक कि ब्रह्मचारी देवता से लोग अपने प्रेम संबंधों में मिलाप की भी प्रार्थना करते हैं। मंदिर के अधिकारियों को सौंपे से पहले सभी चिट्ठियों को भगवान अयप्पा की मूर्ति के सामने रखा जाता है।

पोस्टमास्टर त्योहार के सीजन के बाद ही घर जाएंगे

बता दें कि डाकघर के कर्मचारी अन्य डाक मंडलों से प्रतिनियुक्ति पर हैं। फिलहाल पोस्टमास्टर अरुण के अलावा एक डाकिया और दो मल्टी-टास्किंग कर्मचारी हैं। चारों पोस्ट ऑफिस से लगे एक कमरे में रहते हैं। वह त्योहार के सीजन के बाद ही घर जाएंगे। बता दें कि 10 रुपये से लेकर 5,000 रुपये तक के मनी ऑर्डर भी मिलते हैं। वहीं मंदिर में वितरित अरावण प्रसाद को देश के किसी भी डाकघर से ऑनलाइन बुक किया जा सकता है। डाकघर ऑनलाइन आदेश प्राप्त होने के सात दिनों के अंदर ही इसे भेज देता है।

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