Digital Rape : हाल ही में एक मानवता को शर्मशार कर देने वाली खबर सामने आ रही है, जिसमें बताया जा रहा है, कि 5 साल की बच्ची के साथ स्कूल वैन के ड्राइवर ने डिजिटल रेप किया है। वहीं, बच्ची के पिता की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपी को हिरासत में लिया है. बता दें, कि यह मामला कविनगर थाना क्षेत्र का है.
क्या है Digital Rape
जब हम इस नाम को सुनते हैं, तो पहली प्रतिक्रिया यह होती है कि यह कुछ तकनीकी या वर्चुअल यौन उत्पीड़न से जुड़ा होगा। लेकिन असल में ऐसा नहीं है। डिजिटल रेप उस अपराध को कहते हैं जिसमें पीड़िता की मर्जी के बिना उंगलियों या अंगूठों से जबरदस्ती शारीरिक संपर्क किया गया हो।
यहां “Digital” शब्द का मतलब अंग्रेजी में फिंगर, थंब या पैर के अंगूठे से है। साल 2012 से पहले इस शब्द का कोई अस्तित्व नहीं था। जो अपराध अब डिजिटल रेप के रूप में जाना जाता है, उसे 2012 से पहले छेड़खानी के रूप में संदर्भित किया जाता था। लेकिन निर्भया केस के बाद रेप कानूनों में बदलाव किए गए, जिसमें हाथ, उंगली या अंगूठे के जरिए जबरदस्ती संपर्क को यौन अपराध माना गया और इसे सेक्शन 375 और पॉक्सो एक्ट के तहत रखा गया।
कब-कब आए मामले
एक रिपोर्ट के अनुसार 2013 के बाद से भारत में रेप के मामलों में 29 प्रतिशत मामलों में अपराधी पीड़िता का पड़ोसी या कोई जानने वाला होता है। कई ऐसे मामले भी सामने आए हैं जहां अपराधी ने हाथों और उंगलियों का इस्तेमाल करके पीड़िता के साथ छेड़खानी की। ध्यान देने योग्य बात यह है कि 2013 से पहले ‘डिजिटल रेप’ शब्द का प्रयोग नहीं किया गया था। लेकिन 2012 में निर्भया केस के बाद, जस्टिस वर्मा कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर रेप कानून में बदलाव किया गया और इन घिनौने कृत्यों के लिए सख्त सजा का प्रावधान किया गया।