Gujarat Bridge Collapse: कहते है मौत कभी भी किसी भी बहाने से आ जाती है, और कई बार भगवान कुछ लोगों को इशारा भी दे देता है। बता दें कि गुजरात के मोरबी में रविवार शाम मच्छु नदी में बना केबल ब्रिज के अचानक टूटने से अब तक 141 लोग ती मौत हो चुकी है। 70 लोग घायल है जिनका इलाज चल रहा है। मौके पर लगातार राहत और बचाव कार्य जारी है। हादसे को देखते हुए लग रहा है कि अभी मरने वालों की संख्या और बढ़ सकती है। लेकिन इस बीच कुछ परिवार के लोगों ने दावा किया है कि पुल को जानबुझकर हिलाया गया है।
दरअसल, दिवाली की छुट्टियां मनाने मोरबी पहुंचा परिवार, हाल ही में गिरे मोरबी पुल की दुर्घटना में बाल-बाल बचा परिवार। अहमदाबाद के निवासी विजय गोस्वामी और उनके परिवार के सदस्य इस पुल पर रविवार दोपहर पहुंचे थे लेकिन आधे रास्ते से ही डर कर लौट आए क्योंकि भीड़ में शामिल कुछ लोगों ने इसे हिलाना शुरु कर दिया था। चार घंटे बाद उनका डर सच में तबदिल हो गया जब पार्यटकों के बीच मशहूर माच्छू नदी पर बना यह पुल शाम साढ़े छ बजे गिर पड़ा और इसमें 100 से अधिक लोग मारे गए। गोस्वामी ने कहा कि जब वो और उनका परिवार पुल पर थे तब तक कुछ युवा इसे हिला रहे थे और उसके कारण इस पर चलना मुश्किल हो रहा था। उन्हें लगा कि यह खतरनाक हो सकता है, फिर वो अपने परिवार के साथ आगे बढ़े बिना आधे रास्ते से वापस लौट गए। उन्होंने कहा कि उन्होंने पुल के स्टाफ को भी इस बारे में सूचित किया था ।
आपको बता दें कि पुल को 26 अक्टूबर को गुजराती नववर्ष दिवस पर जनता के लिए फिर से खोला गया था। गुजरात के मोरबी शहर में रविवार की शाम माच्छू नही पर बने केबल पुल के टूटने से मरने वालों की संख्या बढ़कर 141 हो गई है। यह पुल करीब एक सदी पुराना था और मरम्मत एवं नवीनीकरण कार्य के बाद इसे आमजन के लिए पांच दिन पहले ही खोला गया था। गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने मोरबी में संवाददाताओं से कहा कि राज्य सरकार ने इस हादसे की जांच के लिए एक समिति का गठन किया है। प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि अंग्रेजों के समय का यह हैगिंग ब्रिज, जिस समय टूटा, उस समय उस पर कई महिलाएं और बच्चे मौजूद थे। एक प्रत्यक्षदर्सी ने बताया कि कुछ लोगों को पुल पर कूदते और उसके बड़े तारों को खीचंते हुए देखा गया। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि पुल उस पर ‘‘लोगों की भारी भीड़” के कारण टूट कर गिर गया हो