Update:- गुजरात विधानसभा चुनाव में दो चरणों में मतदान होंगे। पहले चरण का मतदान एक दिसंबर और दूसरे चरण का मतदान पांच दिसंबर को होगा। जबकि हिमाचल चुनाव के साथ ही आठ दिसंबर को नतीजे जारी किए जाएंगे। इस बार गुजरात चुनाव में 4.9 करोड़ मतदाता मताधिकार का प्रयोग करेंगे। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि इस बार 3.24 लाख मतदाताओं को पहली बार विधानसभा चुनाव में मतदान का मौका मिलेगा। वहीं उन्होंने कहा कि चुनाव में दिव्यागों का भी पूरा ध्यान रखते हुए दिव्यागों के लिए 182 पोलिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि गुजरात चुनाव में इस बार 4.9 करोड़ मतदाता हैं। जिसे देखते हुए पोलिंग स्टेशन की संख्या 51 हजार से ज्यादा रखी गई है।
चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस
गौरतलब है कि गुजरात में विधानसभा चुनाव होने वाले है। चुनाव से पहले प्रदेश में सियासी पारा गर्म है। जिसको लेकर सभी सियासी पार्टियों ने पूरी तैयारी कर ली है। बस अब इंतजार है तो चुनावी तारीक के ऐलान का, वो भी अब जल्द खत्म होने वाला है। मिली जानकारी के अनुसार आज यानी 2 नवंबर को चुनावी तारीखों का ऐलान हो सकता है।
आज 12 बजे चुनाव आयोग प्रेस कॉन्फ्रेंस होगी। ऐसा माना जा रहा है कि इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में चुनाव आयोग विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर सकता है। आपको बता दें कि गुजरात में पिछले 27 साल से बीजेपी राज कर रही है।
दो चरणों में होगा मतदान
इस बार भी गुजरात में दो चरणों में चुनाव कराया जा सकता है। सूत्रों के अनुसार दिसंबर के पहले हफ्ते में दो चरणों में मतदान हो सकता है। माना जा रहा है कि 2 दिसंबर को पहले और 5 या 6 दिसंबर को दूसरे चरण की वोटिंग हो सकती है। वहीं मतगणना की बात करें तो 8 दिसंबर को हिमाचल प्रदेश के साथ ही होने की संभावना है। जबकि हिमाचल प्रदेश में मतदान 12 नवंबर को कराया जा रहा है।
इस बार 160 पार
वहीं बीजेपी गुजरात की सत्ता को बरकरार रखने के दावे कर रही है। जिसके चलते उन्होंने इस बार 180 सीटों में से 160 प्लस सीटों का टारगेट रखा है। जबकि 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 99 सीटें जीत कर सरकार बनाई थी। उस समय कांग्रेस ने बीजेपी को कड़ी टक्कर दी थी और 77 सीटों जीत हासिल की थीं। जबकि अन्य के खाते में 6 सीटें गईं। बीजेपी को इस चुनाव में 50% तो वहीं कांग्रेस को 42% वोट मिले थे। 2017 में कांग्रेस ने बीजेपी को सत्ता से बाहर करने की बात कही थी लेकिन बीजेपी सत्ता पर काबिज रही।
इसी कड़ी में इस बार कांग्रेस बीजेपी को सत्ता से बाहर करने की तमाम कोशिश कर रही है। इन दोनों के बीच इस बार आम आदमी पार्टी भी तमाम वादों के साथ पूरा दमखम दिखाने में जुटी है।