नई दिल्ली: 2023 में मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर एक ताजा सर्वे में सामने आया है कि जिस तरह से नगर निकाय चुनावों में बीजेपी को झटका लगा है कुछ ऐसा ही रिजल्ट विधानसभा चुनावों में भी देखने को मिल सकता है। सीवोटर इंडिया ट्रैकर ने 2023 में राज्य में आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर स्थानीय निकाय चुनाव के परिणामों के बारे में लोगों के विचार जानने के लिए आईएएनएस की ओर से एक राष्ट्रव्यापी सर्वे किया।
सर्वे के दौरान, 66 प्रतिशत लोगों ने कहा कि नगरीय निकाय चुनाव के परिणामों को अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों की प्रस्तावना के रूप में देखा जाना चाहिए। हालांकि, 34 फीसदी लोगों ने कहा कि इन चुनावों के नतीजों को विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखना सही नहीं है। दिलचस्प बात यह है कि सर्वे के दौरान, विपक्ष और एनडीए दोनों के अधिकतर मतदाताओं ने कहा कि नगरपालिका चुनाव परिणाम राज्य में 2023 के विधानसभा चुनावों का ट्रेलर हैं।
सर्वे के आंकड़ों के अनुसार, 68 प्रतिशत विपक्षी मतदाताओं और 65 प्रतिशत एनडीए समर्थकों का मानना है कि राज्य में निकाय चुनाव के परिणाम राज्य में 2023 विधानसभा चुनावों के नतीजों का एक छोटा सा नमूना है। इसी तरह, शहरी और ग्रामीण दोनों के ज्यादातर मतदाताओं ने कहा कि मध्य प्रदेश नगरपालिका चुनाव के परिणाम अगले विधानसभा चुनाव का आईना हैं। सर्वे के आंकड़ों के मुताबिक, 65 प्रतिशत शहरी मतदाताओं और 64 प्रतिशत ग्रामीण मतदाताओं का मानना कि स्थानीय निकाय चुनावों का परिणाम अगले साल होने वाले राज्य विधानसभा चुनावों का ट्रेलर है।
क्या थे नगर निकाय चुनावों के परिणाम
मध्य प्रदेश में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को राज्य के नगर निकाय चुनाव में जोर का झटका लगा है। पार्टी ने 7 नगर निगमों को खो दिया है। मतगणना के बाद 9 नगर निगमों में जहां भाजपा ने जीत हासिल की, तो वहीं कांग्रेस ने 5 नगर निगम की सीट पर कब्जा जमाया।
मतदान 6 और 13 जुलाई को दो चरणों में हुए
आम आदमी पार्टी (आप) और एक निर्दलीय उम्मीदवार को एक-एक सीट मिली है। राज्य में 16 नगर पालिका निगम, 99 नगर पालिका परिषद और 298 नगर परिषदों समेत कुल 413 नगर पालिकाओं के लिए नगरीय निकाय चुनाव के मतदान 6 जुलाई और 13 जुलाई को दो चरणों में हुए थे।
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