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Maharashtra Political Crises: महाराष्ट्र में उलटफेर, उद्धव सरकार से विधायकों की बगावत

Maharashtra Political Crises: महाराष्ट्र में उलटफेर, उद्धव सरकार से विधायकों की बगावत

Maharashtra Political Crises: महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के बीच चल रहा है शह और मात का खेल. उद्धव ठाकरे का एक-एक कर सभी विधायक छोड़ रहे है साथ .वही गुवाहाटी में बैठे बाघी विधायक एकनाथ शिंदे का गुट हुआ और भी मजबूत.

महाराष्ट्र में चल रहा है राजनीतिक उलटफेर. उद्धव ठाकरे की बड़ी चिंता. एक-एक कर सभी शिवसेना विधायक सरकार के खिलाफ बग़ावत कर रहे है. शिवसेना की बैठक में केवल 13 ही विधायक पहुंचे, जबकि  शिवसेना के पास कुल 55 विधायक थे. शिवसेना द्वारा की गई बैठक में 42 विधायक नहीं पहुंचे. वही गुवाहाटी से विधायक एकनाथ शिंदे ने 42 विधायक होने का किया दावा. जिनमे से 37 एकनाथ शिंदे के साथ गुवाहाटी में ही है. यानी अब इन विधायको पर दल-बदल कानून लागू नहीं होगा. माना जा रहा है की लगभग 50 विधायक को अपनी ओर कर सकते है एकनाथ  शिंदे.

महाराष्ट्र में चल रहे राजनीतिक उत्पाद के बीच आज दोपहर 12 बजे मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता मे शिवसेना भवन, मुंबई में पार्टी के जिलाअध्यक्क्षो की बैठक बुलाई गयी है. साथ ही संजय राउत ने कहा की शरद पवार को दी जा रही है धमकिया. अमित शाह और मोदी जी आप के मंत्री पवार साहब को धमकी दे रहे हैं. क्या ऐसी धमकियों के आपका समर्थन में है?

कौन है एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde)

एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के महाविकास आघाडी की सरकार में सदन नेता है. शिंदे 2014 से 2019 तक बीजेपी-शिवसेना की सरकार में मंत्री थे. ठाणे जिले की कोपरी-पाचपाखाडी से विधायक, एकनाथ शिंदे साल 2014 में अक्टूबर से दिसंबर 2014 तक नेता विपक्ष भी थे. साल 2019 में जब शिवसेना ने बीजेपी से किनारा कर के एनसीपी और कांग्रेस के साथ सरकार बनाई तो उद्धव ठाकरे के बेटे और राज्य में पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे ने एकनाथ शिंदे को नेता सदन बनाने का प्रस्ताव किया था.

माना जा रहा है की एकनाथ शिंदे शिवसेना से नाराज़ चल रहे थे. इसी नाराज़गी के चलते उन्होंने शिवसेना से अलग होने का पूरा मन बना लिया है और अपने साथ उद्धव सरकार के कई विधायको को उनके खिलाफ कर दिया है. उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे को उनका पद देने का भी प्रस्ताव दिय जिसे एकनाथ शिंदे ने ख़ारिज कर दिया है. अब देखना यह है की आखिर महाराष्ट्र का राजनैतिक ऊट किस ओर बेठेगा.

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