अलीगढ़ : अलीगढ़ के तीन दर्जन छात्र यूक्रेन में फंसे है. ये छात्र यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं. लेकिन रुस द्वारा यूक्रेन को चारों तरफ से घेर लेने से युद्ध की आशंका बनी हुई है. और भारत सरकार ने यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को स्वयं अपना प्रबंध कर वापस आने की बात कही है. यूक्रेन में फंसे छात्रों के परिवार इसे काफी दुखदायी स्थिति बता रहे हैं. युद्ध की आशंका के चलते अमेरिका ने अपने नागरिकों को तीन दिन पहले ही यूक्रेन छोड़ने का फरमान सुना दिया था. लेकिन भारतीय दूतावास द्वारा स्थिति को गंभीरतापूर्व नहीं लिया गया. यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने खतरे की इस घंटी में भारत सरकार को सही समय पर इंफार्म नहीं किया. अलीगढ़ के पंकज धीरज की पुत्री यूक्रेन में एमबीबीएस कर रही है. बेटी को लेकर पंकज धीरज चिंतित हैं।
यूक्रेन में फंसे छात्रों को लेकर परिजन काफी चिंतित हैं. परिजन सोशल मीडिया के जरिये छात्रों से संपर्क में हैं. वहीं यूक्रेन से इंडिया आने वाली हवाई सेवा कैंसिल है. हवाई भाड़ा किराया जहां 22 हजार रुपये लगते थे. अब वहीं किराया डेढ़ लाक से दो लाख रुपये लिये जा रहे हैं. अलीगढ़ के रहने वाले भारतीय छात्र परेशान है .और प्रधानमंत्री व विदेश मंत्री के साथ ही दूतावस को मेल , ट्वीट कर रहे हैं। वहीं युद्ध की विभीषिका से बचने के लिए यूक्रेन में जगह जगह बंकर बनाये जा रहे हैं. अंडर ग्राउंड मेट्रो स्टेशन व बेसमेंट में लोग बचने की जगह बना रहे हैं. वहीं यूक्रेन के चर्च में प्रार्थना की जा रही है. युद्ध न हो , और शांति की अपील भी की जा रही है. इन्हीं के बीच भारतीय लोग यूक्रेन में फंसे हैं। यूक्रेन (यूरोप) देश पर प्रस्तावित नाटो सदस्यता के विरूद्ध रूस देश द्वारा उसे चारों ओर से सेना द्वारा घेर कर ,यूक्रेन पर सैन्य हमला कर युद्ध छेड़ने से विश्व बिरादरीमें चिंता है. वहां अध्ययनरत छात्रों की शिक्षा व खासकर उनकी सुरक्षा को लेकर देश के प्रधानमंत्री के नाम सम्बोधित प्रतिवेदन अलीगढ़ जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी को दे चुके हैं. सुरक्षित यूक्रेन से निकलने के लिए प्रधानमंत्री को मेल किया गया है.अलीगढ़ में रह रहे परिवार यूक्रेन में मेडिकल की शिक्षा ग्रहण कर रहे अपने बच्चों से संपर्क में है . लेकिन युद्ध की स्थिति में यह संपर्क टूट सकता है।कोविड 19 की वजह से भी छात्रों की शिक्षा पर खासा प्रभाव पड़ा है।
वहीं, यूक्रेन में युद्ध के हालात पर वहां इंडियन एम्बेसी द्वारा भारतीय छात्रों को अचानक 15 फरवरी को यूक्रेन छोड़ने की एडवाइजरी जारी करने से परिवार गहरे पशोपेश में है. यूक्रेन में युद्ध के संकट की वजह से वहां से दिल्ली /भारत की वापसी की फ्लाइट का किराया भी डेढ़ लाख से दो लाख रुपयों तक प्रति यात्री लिया जा रहा है, जबकि नॉर्मल समय में ये किराया 22-23 हजार रुपया होता है. भारत आने वाली कई फ्लाइटों को कैंसिल भी किया जा रहा है. फ्लाइट भी अगले कई दिनों तक उपलब्ध नहीं हैं. हालाकि इस समय भारत से करीब 20 हजार छात्र -छात्राएं यूक्रेन में अध्ययनरत हैं. ऐसे में यूक्रेन में फंसे बच्चों की पूर्ण सुरक्षा व्यवस्था करने के साथ , आपातकालीन स्थिति में उनको भारत लाने के लिए ‘एयर लिफ्ट ‘ की व्यवस्था भारत सरकार द्वारा करने की मांग की जा रही है।