नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने भीमा कोरेगांव मामले के आरोपी तेलुगु कवि वरवर राव को चिकित्सकीय आधार पर नियमित जमानत दे दी है. न्यायमूर्ति यूयू ललित की अध्यक्षता वाली बेंच ने वरवर राव को निचली अदालत की अनुमति के बिना मुंबई नहीं छोड़ने का आदेश दिया है.
इस मामले में कोर्ट ने कहा कि वरवर राव 84 साल के हैं और उनकी तबीयत खराब है. कोर्ट का कहना है कि अभी मामले की सुनवाई शुरू भी नहीं हुई है. कोर्ट ने कहा कि वरवर राव ढाई साल से अधिक समय तक जेल में रहे थे.
वरवर राव की याचिका में बताया गया था कि अगर उन्हें दोबारा जेल में डाला गया तो उनकी जेल में ही मौत हो सकती है. याचिका में जुलाई 2021 में भीमा कोरेगांव मामले में आदिवासी अधिकारों के लिए लड़ने वाले 83 वर्षीय स्टेन स्वामी की हिरासत में मौत का हवाला दिया गया था.
याचिका में कहा गया है कि फरवरी 2021 में वरवर राव को जमानत मिलने के बाद उनकी तबीयत और बिगड़ गई और उन्हें हर्निया हो गया. याचिका में सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश को फैसले का आधार बनाया गया था, जिसमें कहा गया था कि मौलिक अधिकारों का उल्लंघन नहीं होने पर यूएपीए के तहत जमानत भी दी जा सकती है.
सुप्रीम कोर्ट ने दी नियमित जमानत
दरअसल, साल 2018 में महाराष्ट्र के भीमा कोरेगांव में हिंसा भड़क गई थी. पुणे से करीब 40 किलोमीटर दूर भीमा-कोरेगांव में अनुसूचित जाति समुदाय के लोगों का कार्यक्रम आयोजित किया गया. जिसका कुछ दक्षिणपंथी संगठनों ने विरोध किया था. 29 दिसंबर को पुणे के वाडु गांव में दलित जाति के गोविंद महाराज की समाधि पर हमला हुआ था, जिसका आरोप मिलिंद एकबोटे के संगठन हिंदू एकता मोर्चा ने लगाया था और FIR दर्ज की गई थी. इस झड़प में एक शख्स की जान भी चली गई थी.
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