कोलकाता। आज तक आपने हवा, पानी, जमीन पर या फिर उसके नीचे सफर किया है। लेकिन अब आप पानी के नीचे से भी सफर का लुफ्त उठा सकेंगे। अब पानी के नीचे से भी मेट्रो चलेगी। जिसमें 6 कोच जुड़े होंगे। दरअसल भारत के पहले अंडर वाटर मेट्रो ट्रेन की शुरुआत होने जा रही है। 9 अप्रैल को इसकी टेस्टिंग होगी। ये मेट्रो हुगली नदी में बने टनल से होकर गुजरेगी। इस मेट्रो में कई और खासियत है।
कोलकाता की उपलब्धि में जुड़ने जा रही अंडरवाटर मेट्रो
बता दें कि कोलकाता ईस्ट-वेस्ट मेट्रो प्रोजेक्ट के तहत छह कोच वाली दो ट्रेनों को टेस्टिंग के लिए तैयार किया गया है। साल्ट लेक में हावड़ा मैदान व सेक्टर-V को जोड़ने वाला ईस्ट वेस्ट मेट्रो कॉरिडोर सेक्टर-V स्टेशन और सियालदह के बीच कम दूरी के लिए चालू है। इन मेट्रो ट्रेन एस्प्लेनेड और हावड़ा मैदान के बीच 4.8 किमी की दूरी पर ट्रायल रन करेगी। देश की पहली मेट्रो रेलवे 1984 में कोलकाता में ही शुरू हुई थी। वहीं कोलकाता की उपलब्धि में अब अंडरवाटर मेट्रो जुड़ने जा रही है।
बैटरी से चलेगी मेट्रो
टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार साल्ट लेक और हावड़ा के बीच होने वाला ट्रायल रन सियालदह और एस्प्लेनेड सुरंग से सफलतापूर्वक गुजरेगा। वहीं सियालदह और एस्प्लेनेड के बीच अभी ट्रैक बिछाने का काम चल रहा है। फिलहाल अस्थायी ट्रैक को बिछाकर टेस्टिंग के लिए तैयार किया गया है। बता दें कि सियालदह स्टेशन तक ट्रेनें सामान्य रूप से चलेंगी। लेकिन सियालदह से एस्प्लेनेड तक ट्रेन को बैटरी चालित लोको द्वारा सुरंग के रूप में धकेला जाएगा। वहीं फिर एस्प्लेनेड से हावड़ा तक वह सामान्य रूप से काम करेंगे।
दिसंबर 2023 तक पूरा होगा काम
केएमआरसी का कहना था कि ईस्ट-वेस्ट मेट्रो कॉरिडोर परियोजना के तहत भारत की पहली अंडरवाटर मेट्रो सेवा दिसंबर 2023 तक पूरी होने की उम्मीद है। अभी कार्य चल रहा है, लेकिन परियोजना के कई कामों के पूरा होने में देरी है।
सबसे ज्यादा गहरा होगा हावड़ा स्टेशन
हावड़ा स्टेशन सबसे ज्यादा 33 मीटर तक गहरा होगा। फिलहाल हौज खास 29 मीटर तक सबसे ज्यादा गहरा स्टेशन है। मिली जानकारी के अनुसार सुरंग को बनाने में प्रति किलोमीटर 120 करोड़ रुपये तक का खर्च आया है।