नई दिल्ली। 25 मार्च को शपथ लेने के बाद सीएम योगी ताबड़तोड़ फैसले ले रहे हैं। सरकार के गठन और विभागों के बंटवारे के बाद अब नजर मंत्रियों के काम-काज पर है। कल योगी का फैसला आया था कि मंत्रियों को पुराने स्टाफ रखने की छूट नहीं मिली। उसी तरह वे अपनी पसंद से निजी स्टाफ भी नहीं रख सकेंगे। अब आज, योगी फिर से फायर हो गए हैं। विधानसभा में कल मंगलवार को उनकी मुस्कुराहट ने जो भी संकेत दिए हों, उनके फैसले बता रहे हैं कि मंत्रियों की डगर इस बार कठिन ही रहेगी। भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस और पारदर्शी सरकार की अपनी यूएसपी को इस सरकार में भी बनाए रखने के लिए सीएम ने तीन कड़े फैसले किए हैं।
UP से बाहर जाने की जानकारी देनी होगी
योगी मंत्रिमंडल का कोई भी मंत्री अगर यूपी से बाहर जा रहा है तो उसकी जानकारी उसे सरकार और पार्टी दोनों को देनी होगी। मंत्रियों के बेवजह दौरौं और दिल्ली में बेवजह बड़े नेताओं के चक्कर लगाने से रोकने के लिए सीएम ने यह निर्देश जारी किया है। अब यूपी सरकार का कोई भी मंत्री किसी भी काम से यूपी से बाहर जाता है तो बताना होगा कि वो क्यों जा रहा है या जा रही है। दौरा सरकारी या पर्सनल कोई भी हो, जानकारी देना अनिवार्य है। अब यूपी छोड़ने से पहले पार्टी और सरकार, दोनों को ही अवगत कराना होगा । बिना बताए मंत्री बाहर नही जा सकेंगे। सरकारी धन के दुरुपयोग और किसी भी तरह की कॉन्ट्रोवर्सी से बचने के लिए यह निर्देश दिया गया है।
सीएम ने मंत्रियों को दिया 100 दिन का टारगेट
यूपी सरकार के नव-निर्वाचित सभी मंत्रियों को सीएम योगी ने 100 दिन का टारगेट दिया है। इस 100 दिन के अंदर सभी मंत्रियों को अपने -अपने विभागों की समीक्षा करनी होगी। इस समीक्षा के आधार पर काम की योजना तैयार कर मास्टर प्लान बनाना होगा। कैबिनेट के समक्ष विभागीय प्रस्तुतियां सम्बंधित मंत्री द्वारा ही दी जाएंगी। विभागीय अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव केवल सहायता के लिए वहां मौजूद होंगे। साथ ही, सचिव या निचले स्तर के अधिकारी सीएम को ब्रीफिंग नहीं देंगे। मंत्रियों को अपनी रिपोर्ट में सीएम योगी को को बताना होगा कि वह अगले 100 दिन में क्या करेंगे। विभाग में नया क्या करना होगा। साथ ही डिजिटलाइजेशन के काम को भी विभाग में आगे बढ़ाना है। इससे पहले पहली सरकार में सीएम योगी ने खुद सभी विभागों की लगातार समीक्षा बैठक की थी। उस बैठक में भी विभाग के अधिकारियों के साथ ही विभागीय मंत्री शामिल रहते थे। इस बार विभागीय मंत्रियों को अपने अधिकारियों के साथ समीक्षा करनी होगी।
फिजूलखर्ची पर रोक लगाएं
सीएम योगी ने फिजूलखर्ची को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए है। योगी सरकार के मंत्रियों के लिए राज्य संपत्ति विभाग नए बंगले तैयार कर रहा है। सरकार ने निर्देश दिए है कि बंगलों में साज-सज्जा पर ज्यादा पैसा खर्च करने की जरूरत नहीं है। फर्नीचर को बदलने की आवश्यकता नहीं है। जिन मंत्रियों के पास पहले से ही आवास है, उन्हें नए बदलाव की जरूरत नहीं है। इतना ही नही मंत्रियों के लिए नई गाड़ियां नही खरीदी जाएंगी। बड़ी लग्जरी गाड़ियां और घर-दफ्तर में नया साज-सज्जा के साथ ही नए फर्नीचर की खरीदारी नहीं होगी। इससे फिजूलखर्ची पर रोक लगेगी।