आजकल छोटे बच्चे से लेकर बड़े बुजुर्ग के हाथ में स्मार्ट फ़ोन होता है। फ़ोन के बिना तो हम अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते। शहरों में नहीं बल्कि अब तो गावों में भी लोग फ़ोन का प्रयोग करते है।फ़ोन का क्रेज इतना है कि आपको गावों में जगह जगह पर बड़े बुजुर्ग यूट्यूब देखते नजर आएगे। फ़ोन पर सबसे ज्यादा चलाया जाता हैं सोशल मीडिया अप्स जैसे कि फेसबुक,ट्वीटर ,इंस्टाग्राम और सनपचेट आदि ,छोटे से छोटे बच्चो को इनकी जानकारी हैं।
सभी के अकाउंट हैं
माना ऑनलाइन एजुकेशन के बढ़ते ट्रेंड ने जिंदगी और पढ़ाई-लिखाई भले ही आसान की हो, मगर इसके साइड इफेक्ट्स भी कम नहीं हैं। McAfee के एग्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट गगन सिंह भी मानते हैं कि कोविड के कारण बच्चे लंबे समय तक घर पर रहे। ऑनलाइन पढ़ाई की वजह से बच्चों को मोबाइल और कंप्यूटर पर छूट मिली जो अब धीरे-धीरे लत में बदल गई है। सोशल मीडिया जितना उपयोगी हैं या जितना इसका लाभ हैं उस से कहीं ज्यादा ये खतरनाक हैं इंटरनेट सिक्योरिटी पर काम कर रही संस्था ‘साइबर सेफ्टी किड्स’ ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि 8 से 12 वर्ष की उम्र के 95 प्रतिशत बच्चे स्मार्टफोन से लैस हैं। कुछ को छोड़ दें तो सोशल मीडिया पर सभी के अकाउंट हैं और वे इस पर तेजी से एक्टिव हैं। पोस्ट करना, फोटो अपलोड करना, मैसेज भेजना, स्टेट्स अपडेट करना जैसे सारे फीचर्स का इस्तेमाल करना जानते हैं और कर रहे हैं।
क्या हैं साइबर बुलिंग
इनसल्ट करना- किसी के बारे में ऑनलाइन फेक जानकारी फैलाना जिससे इंसान बेज्जती महसूस करे.
बिना पूछे – किसी की फोटो वीडियो या जानकारी बिना पूछे अपलोड करना
मजाक उड़ाना- किसी ग्रुप में ऐड कर किसी का मजाक बनाना ,परेशान करना
मैसेज करना – बार बार बुरे मैसेज कर परेशान करना
भारत में बच्चे साइबर बुलीइंग ज्यादा कर रहे हैं
ये हाईटेक बच्चे ज्यादातर समय इंटरनेट पर एक्टिव रहते हैं और उस दुनिया से अनफिल्टर्ड चीजें ले रहे हैं। इस वजह से इन बच्चों के साइबर बुलीइंग करने के खतरे भी बढ़ गए हैं। अमेरिकी कंप्यूटर सिक्योरिटी सॉफ्टवेयर कंपनी McAfee के सर्वे के अनुसार, दुनिया में किसी भी देश के मुकाबले भारत में बच्चे साइबर बुलीइंग ज्यादा कर रहे हैं। इस सर्वे में हिस्सा लेने वाले भारत के 45 प्रतिशत बच्चों ने माना कि उन्होंने कभी न कभी साइबर बुलीइंग की है। और उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि जिन बच्चों को उन्होंने अपना टारगेट बनाया वे उन्हें जानते तक नहीं थे। वहीं, 48 प्रतिशत भारतीय बच्चों ने माना कि उन्होंने उन बच्चों के साथ साइबर बुलीइंग की है, जिन्हें वे पहले से अच्छी तरह जानते थे।
बुलीइंग से परेशान होकर सुसाइड
घटना पिछले साल 2021 मुंबई की है। 11वीं में पढ़ने वाले 16 साल के लड़के ने बुलीइंग से परेशान होकर सुसाइड कर लिया। बुलीइंग करने वाले दो लड़के उसके ही क्लासमेट्स थे। जब वह 10वीं में था तबसे बुलीइंग का शिकार था।
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