Summer Solstice 2022 : भारत समेत दुनियाभर में आज 8वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा. 21 जून को योग दिवस मनाने की मुख्य वजह ये है कि इस दिन उत्तरी गोलार्द्ध का सबसे लंबा दिन होता है। इसे ग्रीष्म संक्रांति भी कहते हैं। इंडियन ट्रेडिशन के मुताबिक, ग्रीष्म संक्रांति के बाद सूर्य दक्षिणायन होता है। साथ ही आज के दिन योग करने से लोगों की आयु भी लंबी होती है। इसी को देखते हुए हर साल 21 जून को योग दिवस मनाया जाता है।
साइन्स के हिसाब से वैसे तो दिन और रात बराबर होते है यानी की 12-12 घंटे, तब जाकर पूरे 24 घंटे का 1 दिन होता है लेकिन 21 दिसंबर के बाद से रातें छोटी होने लगती हैं और दिन बड़े होने लगते हैं. और ऐसे में 21 जून वो तारीख होती है जब दिन सबसे बड़ा होता है और इसके बाद से ये घटना शुरू हो जाता है. विज्ञान के अनुसार इस दिन उत्तरी गोलार्ध में मौजूद सभी देशों में दिन लंबा होता है और रात छोटी होती है. इस दिन में एक आर्कषक बात ये भी है कि इस पूरे दिन में एक पल ऐसा भी आता है जब इंसान की परछाई उसका साथ छोड़ देती है. अब आपको बताते है कि 21 जून साल का सबसे बड़ा दिन क्यो होता है ‘इस दिन सूर्य का प्रकाश सबसे लंबे समय़ के लिए धरती पर पड़ता है और सूरज मध्याह्न में कर्क रेखा के ऊपर रहता है. इसके हिसाब से पृथ्वी पर दिन सुबह जल्दी होगा जबकि सूर्यास्त देर से होगा.
इसलिए इस दिन साल का सबसे बड़ा दिन और छोटी रात होती है. 21 जून के बाद से फिर 21 सितंबर आते-आते दिन और रात एक बराबर हो जाते हैं. इसके बाद 21 सितंबर से रात लंबी होने का सिलसिला बढ़ने लगता है. ये प्रक्रिया 23 दिसंबर तक होती है.
हर साल 21 जून को योग दिवस के लिए एक थीम रखी जाती है। इस साल की थीम ‘योगा फॉर ह्यूमैनिटी’ (Yoga For Humanity) चुनी गई है, जिसका मतलब है मानवता के लिए योग। आयुष मंत्रालय के मुताबिक इस थीम को रखने का मकसद कोविड के दौरान जिन लोगों को शारीरिक और मानसिक तनाव का सामना करना पड़ा है, उन्हें आराम देना है। पिछले साल अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2021 की थीम ‘योग फॉर वेलनेस’ (Yoga For Wellness) था।