नई दिल्ली। तमिलनाडु के मंत्री और द्रमुक नेता उदयनिधि स्टालिन को Supreme Court ने बड़ा झटका दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उनकी विवादास्पद “सनातन धर्म को खत्म करो” टिप्पणी के लिए उन्हें फटकार लगाते हुए कहा कि एक मंत्री होने के नाते उन्हें अपने बयानों से सावधान रहना चाहिए था, उन्हें जागरूक होना चाहिए। कोर्ट ने स्टालिन के वकील से कहा कि आप आम आदमी नहीं हैं। आप एक मंत्री हैं। आपको परिणाम पता होना चाहिए।
Supreme Court questions Tamil Nadu minister Udhayanidhi Stalin over his remarks about 'Sanatana Dharma'.
"You are not a layman. You are a minister. You should know the consequences," Supreme Court tells Stalin‘s lawyer, who moved apex court seeking clubbing of multiple FIRs… pic.twitter.com/dQExYzdyEU
— ANI (@ANI) March 4, 2024
मामले को लेकर अलग अलग राज्यों में हुए थे FIR दर्ज
द्रमुक नेता उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म पर किये गए टिप्पणी को के कारण उनपर देश के अलग अलग राज्यों में FIR दर्ज की गई थी। खिलाफ दर्ज सभी एफआईआर को एक साथ जोड़ने के लिए द्रमुक नेता ने Supreme Court में गुहार लगाई थी। जिसपर आज न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ सुनवाई कर रही थी। तमिलनाडु मुख्यमंत्री स्टालिन के बेटे ने कोर्ट से गुहार लगाई थी कि महाराष्ट्र, जम्मू-कश्मीर, बिहार, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को एक साथ जोड़ दिया जाए।
क्या है पूरा मामला?
गौतलब है कि पिछले साल सितंबर में उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म’ की तुलना ‘मलेरिया’ और ‘डेंगू’ जैसी बीमारियों से की थी।जिसके बाद डीएमके नेता के इस बयान से राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया। मामले में उन पर आपराधिक शिकायतें दर्ज की गई और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए Supreme Court में याचिकाएं दायर की थी।