तमिलनाडु सरकार ने आज यानी सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में हल्फनामा दाखिल कर कहा कि पिछले कई सालों में राज्य में जबरन धर्मांतरण का कोई भी मामला सामने नहीं आया है। जबरन धर्मांतरण की याचिका के विरोध में राज्य सरकार ने कहा – जनता उस धर्म को चुनने के लिए आजाद है, जिसका वह पालन करना चाहते हैं। याचिका में कहा गया कि ईसाई धर्म फैलाने वाले मिशनरियों के बारे में कुछ अवैध नहीं है। जब तक वे ऐसा करने के लिए अवैध तरीके नहीं अपनाते तब तक सब सही है। संविधान उन्हें उनके धर्म को शांतिपूर्वक फैलाने और आस्था को बदलने का अधिकार प्रदान करता है।