119 Apps Banned : भारत सरकार ने हाल ही में 119 मोबाइल ऐप्स को ब्लॉक करने का आदेश जारी किया है, जिनमें अधिकांश वीडियो और वॉयस प्लेटफॉर्म शामिल हैं, जिनका संबंध चीन और हांगकांग से है। मनीकंट्रोल ने अपनी रिपोर्ट में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा संचालित लुमेन डेटाबेस पर जारी लिस्टिंग का हवाला देते हुए यह जानकारी दी, हालांकि अब यह लिस्टिंग हटा दी गई है। केंद्र सरकार ने हाल ही में करीब 119 चीनी ऐप्स को ब्लॉक करने का निर्देश दिया है. इससे पहले भी देश ने 2020 में TikTok और ShareIt जैसे कई लोकप्रिय चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया था. मंत्रालय द्वारा जारी किए गए ताजे आदेश के मुताबिक, और भी प्लेटफॉर्म्स को इस सूची में शामिल किया जा सकता है।
क्या है सरकार का आदेश ?
सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69A के तहत जारी किए गए ब्लॉकिंग आदेश कथित तौर पर सिंगापुर, अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम और ऑस्ट्रेलिया के कुछ ऐप्स को भी प्रभावित करते हैं। धारा 69A केंद्र सरकार को राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था के आधार पर ऑनलाइन सामग्री तक सार्वजनिक पहुंच पर प्रतिबंध लगाने का अधिकार प्रदान करती है। अधिकारियों ने बताया कि इस प्रकार के आदेश गोपनीय होते हैं।
कौन-से एप्स कर सकते हैं डाउनलोड ?
मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के अनुसार, कई ऐप्स अभी भी डाउनलोड के लिए उपलब्ध हैं, और अब तक गूगल प्ले स्टोर से केवल 15 ऐप्स को ही हटाया गया है। भारत सरकार द्वारा ब्लॉक किए जाने वाले 119 ऐप्स में से केवल तीन ऐप्स की विशेष पहचान की गई है। इनमें से एक ऐप, चिलचैट (ChillChat), सिंगापुर-बेस्ड वीडियो चैट और गेमिंग प्लेटफॉर्म है, जिसे 10 लाख से अधिक बार डाउनलोड किया गया है और गूगल प्ले स्टोर पर इसकी रेटिंग 4.1 स्टार है। दूसरा ऐप, चांगऐप (ChangApp), जो ब्लोम द्वारा विकसित किया गया है, चाइनीज-डेवलप्ड है। तीसरा ऐप, हनीकैम (HoneyCam), ऑस्ट्रेलियाई कंपनी शेलिन पीटीवाई लिमिटेड द्वारा संचालित है और इसमें कंटेंट रिव्यू मैकेनिज्म के तहत ऑटोमेटेड फिल्टरिंग और मैन्युअल ओवरसाइट शामिल हैं।
पहले भी सरकार कर चुकी है कार्यवाही
यह पहली बार नहीं है जब भारत में चीनी ऐप्स को ब्लॉक किया गया है। चीन और भारत के बीच बढ़ते तनाव के बीच, TikTok को शायद सबसे बड़ा नुकसान हुआ है। सरकार ने इन ऐप्स को राष्ट्रीय सुरक्षा और आईटी नियमों का हवाला देते हुए अक्सर ब्लॉक किया है, और ऐसा लगता है कि यह सिलसिला जल्द ही थमने वाला नहीं है।
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गूगल कानूनी अनुरोधों के आधार पर तत्काल एक्शन लेने के लिए बाध्य होता है, जिसके कारण इन ऐप्स को बहुत जल्दी ब्लॉक कर दिया जाता है और उपयोगकर्ताओं को इन ऐप्स को अपने डिवाइस पर इंस्टॉल करने से रोका जाता है।