Aadhaar Cards : आधार कार्ड भारतीय नागरिकों के लिए एक बेहद अहम पहचान दस्तावेज़ है, जिसे भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) द्वारा जारी किया जाता है। लेकिन सोचिए अगर इसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के ज़रिए आसानी से बनाया जा सके, तो क्या होगा? सुनने में अजीब लगता है, पर अब ये मुमकिन हो चुका है।
हाल ही में OpenAI ने GPT-4o के साथ अपनी नई इमेज जनरेशन सुविधा लॉन्च की है। इस फीचर के ज़रिए अब तक 700 मिलियन से अधिक तस्वीरें बनाई जा चुकी हैं — जिनमें कलात्मक चित्रों से लेकर ऐसे दस्तावेज़ भी शामिल हैं जो असली लगते हैं। यही कारण है कि अब AI की क्षमता को लेकर गंभीर चिंताएँ उठने लगी हैं, खासकर जब बात पहचान जैसे संवेदनशील दस्तावेज़ों की हो।
एक खतरनाक ट्रेंड
एक खतरनाक ट्रेंड सामने आया है, जिसमें कुछ सोशल मीडिया यूज़र्स ने ChatGPT के इमेज टूल की मदद से अपने फ़ोटो लगे नकली आधार कार्ड तैयार कर उन्हें शेयर करना शुरू कर दिया है। AI से जुड़े खतरे पहले भी चर्चा में रहे हैं, लेकिन अब इस टूल की रियलिस्टिक इमेज बनाने की क्षमता ने उन आशंकाओं को और गहरा कर दिया है।
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ फर्जी आधार कार्ड
जब सोशल मीडिया पर ऐसी फर्जी आधार कार्ड जैसी इमेज का सिलसिला तेज़ हुआ, तो हमने भी ChatGPT के इमेज जेनरेटर से इसका परीक्षण किया। जो नतीजा सामने आया वो चौंकाने वाला था — तैयार की गई इमेज हूबहू असली आधार कार्ड जैसी दिख रही थी। चेहरे की कुछ विशेषताएँ ज़रूर अलग थीं, लेकिन बाकी डिज़ाइन, फॉर्मेट और लेआउट काफी असली जैसा लग रहा था।
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OpenAI ने खुद भी इस खतरे को स्वीकारा है। अपने GPT-4o सिस्टम कार्ड में कंपनी ने माना है कि नए वर्ज़न का दुरुपयोग पहले के मॉडल्स की तुलना में कहीं ज़्यादा आसानी से हो सकता है। यह स्वीकारोक्ति दर्शाती है कि AI की बढ़ती शक्ति के साथ-साथ उसके ज़िम्मेदार इस्तेमाल की ज़रूरत भी अब पहले से कहीं ज़्यादा है।