India Pakistan Tension : वर्तमान समय में सोशल मीडिया पर भ्रामक सूचनाओं और अफवाहों का बोलबाला है, खासकर भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव की स्थिति में। कई फर्जी खबरें और झूठे दावे सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जिनमें से अधिकतर का संबंध पाकिस्तान समर्थित प्रोपेगेंडा से होता है। ऐसे समय में जागरूक रहना और सही जानकारी की पहचान करना बेहद जरूरी है। यदि आपके पास भी कोई ऐसा संदेश या पोस्ट आता है जो भय या भ्रम पैदा करता है, तो आप कुछ सरल उपायों से इसकी सच्चाई जान सकते हैं।
तीन जरूरी कदम जो आपको उठाने चाहिए
1. तुरंत प्रतिक्रिया देने से बचें
अगर आपको कोई ऐसा मैसेज मिलता है जो आपको परेशान कर देता है या किसी तरह की अफरातफरी मचा सकता है, तो उसे तुरंत शेयर करने से बचें। सबसे पहले ठहरें, गहराई से सोचें और फिर तय करें कि आपको क्या करना है। बिना जांचे किसी भी जानकारी को आगे बढ़ाना खतरनाक हो सकता है।
2. मैसेज की स्रोत की जांच करें
किसी भी सूचना की विश्वसनीयता उसके स्रोत से तय होती है। जब भी कोई संदेश प्राप्त हो, तो सबसे पहले यह पता लगाएं कि वह किसने भेजा है और क्या यह जानकारी किसी अधिकृत संस्था या विश्वसनीय समाचार माध्यम से आई है। इसके लिए आपको थोड़ी रिसर्च करनी पड़ सकती है, जैसे संबंधित खबर को गूगल पर सर्च करना या किसी प्रतिष्ठित न्यूज़ पोर्टल की पुष्टि करना।
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3. गलत जानकारी को रिपोर्ट करें
अगर जांच के बाद यह साफ हो जाए कि मैसेज झूठा है या गलत सूचना फैला रहा है, तो उसे रिपोर्ट करना आपकी जिम्मेदारी बनती है। सभी प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर रिपोर्ट करने का विकल्प मौजूद होता है। साथ ही, सही जानकारी को अपने नेटवर्क में साझा करके भी आप जागरूकता फैला सकते हैं।
अफवाहों से बचाव के कुछ महत्वपूर्ण सुझाव:
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फॉरवर्ड किए गए मैसेज या पोस्ट पर बिना जांचे यकीन न करें।
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किसी भी जानकारी के पीछे के स्रोत की पड़ताल जरूर करें।
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ऐसी किसी भी खबर की जांच करें जो असामान्य या अविश्वसनीय लगे।
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उन पोस्ट से सावधान रहें जो दिखने में सामान्य से अलग हों।
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फोटो और वीडियो को ध्यान से देखें – एडिटेड या पुराने होने की संभावना हो सकती है।
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किसी भी लिंक को खोलने से पहले उसका पूरा URL चेक करें।
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अन्य समाचार स्रोतों से जानकारी की पुष्टि करें।
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सोच-समझकर ही किसी जानकारी को आगे बढ़ाएं।