Spot Real and Spam SMS Easily: मोबाइल यूजर्स के लिए एक बड़ी राहत की खबर है। अब स्पैम और असली SMS को पहचानना पहले से कहीं ज्यादा आसान हो गया है। सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (COAI) ने बताया है कि टेलीकॉम कंपनियों ने SMS हेडर में एक नया सुफिक्स सिस्टम लागू किया है। इससे यूजर्स को यह समझने में मदद मिलेगी कि उन्हें आया मैसेज किस श्रेणी का है।प्रचार, सेवा, लेनदेन या सरकारी।
कौन-सा SMS किस प्रकार का है?
COAI के महानिदेशक एसपी कोचर ने बताया कि अब से सभी टेलीकॉम ऑपरेटर,जैसे जियो, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया अपने SMS में एक विशेष साइन जोड़ेंगे:
‘P’ – प्रोमोशनल यानी प्रचार से जुड़ा मैसेज
‘S’ – सर्विस से जुड़ा मैसेज
’T‘ – ट्रांजेक्शनल यानी लेनदेन से जुड़ा मैसेज
‘G’ – सरकारी सूचना वाला मैसेज
यह बदलाव 2025 से लागू किया गया है, जो टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) के TCCCPR नियमों के तहत किया गया है।
ग्राहक को मिलेगी सुरक्षा
एसपी कोचर ने बताया कि, “अब ग्राहक एक नजर में पहचान सकेंगे कि उन्हें भेजा गया SMS किस बारे में है। इससे उन्हें स्पैम और फ्रॉड मैसेज से बचने में काफी मदद मिलेगी।” यह सिस्टम पारदर्शिता बढ़ाने और उपभोक्ताओं को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से लागू किया गया है।
WhatsApp, Telegram जैसे ऐप्स बना रहे नई चुनौती
हालांकि, कोचर ने यह भी चिंता जताई कि OTT प्लेटफॉर्म्स जैसे व्हाट्सएप और टेलीग्राम पर स्पैम और धोखाधड़ी भरे मैसेज तेजी से बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि, “जब तक पूरे संचार तंत्र को रेगुलेट नहीं किया जाता, तब तक कोई भी सुरक्षा उपाय पूरी तरह से सफल नहीं हो सकता।”
OTT ऐप्स फिलहाल टेलीकॉम रेगुलेशन के दायरे में नहीं आते, जिसकी वजह से फर्जी कॉल्स, धोखेबाज मैसेज और अनचाहे प्रचार इन्हीं प्लेटफॉर्म्स से सबसे ज्यादा हो रहे हैं। इससे यूजर्स की सुरक्षा पर खतरा बढ़ गया है।
SMS सुफिक्स सिस्टम उपभोक्ताओं के लिए एक बड़ा कदम है। इससे जहां एक तरफ स्पैम कंट्रोल में मदद मिलेगी, वहीं दूसरी ओर यूजर को जागरूक और सतर्क रहने का भी मौका मिलेगा। लेकिन जब तक सभी प्लेटफॉर्म्स पर समान नियम लागू नहीं होते, तब तक चुनौती पूरी तरह खत्म नहीं होगी।
नोट: यह लेख सामान्य जानकारी के उद्देश्य से है। किसी भी प्रकार की सुरक्षा या टेक्निकल सलाह के लिए विशेषज्ञ से संपर्क जरूर करें।