PM Modi का अमेरिकी टैरिफ को करारा जवाब, टेक्नोलॉजी बनेगी भारत की नई ताकत!

अमेरिकी टैरिफ को लेकर बढ़ती चिंता के बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता को प्राथमिकता देने की जरूरत पर बल दिया। बेंगलुरु में मेट्रो लाइन के उद्घाटन समारोह में उन्होंने कहा कि देश को स्वदेशी तकनीक और उत्पादों के विकास की रफ्तार बढ़ानी चाहिए। इसके साथ ही, पीएम मोदी ने भारतीय कंपनियों से उच्च गुणवत्ता वाले और पर्यावरण के अनुकूल उत्पाद तैयार करने की अपील भी की।

PM Modi

PM Modi : अमेरिका द्वारा भारत पर 50% टैरिफ लगाए जाने की पृष्ठभूमि में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तकनीकी आत्मनिर्भरता को भारत की प्राथमिकता बनाने का आह्वान किया है। बेंगलुरु में एक नई मेट्रो रेल लाइन के उद्घाटन समारोह के दौरान उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि अब वक्त आ गया है कि भारत अपनी जरूरतों को केंद्र में रखकर तकनीकी विकास को गति दे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय आईटी कंपनियों ने दशकों से दुनिया के लिए सॉफ्टवेयर और डिजिटल प्रोडक्ट्स तैयार किए हैं, लेकिन अब लक्ष्य यह होना चाहिए कि देश के लिए स्वदेशी तकनीक विकसित की जाए — खासकर ऐसे समय में जब हर सेक्टर में सॉफ्टवेयर और ऐप्स की भूमिका बढ़ रही है।

मैन्युफैक्चरिंग को मिलेगा नया बल 

अपने भाषण में पीएम मोदी ने ‘जीरो डिफेक्ट, जीरो इफेक्ट’ के विज़न को दोहराते हुए उद्योग जगत से अपील की कि वे ऐसे प्रोडक्ट बनाएं जो न केवल गुणवत्ता में श्रेष्ठ हों बल्कि पर्यावरण के लिए भी सुरक्षित हों। उन्होंने कहा कि वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए भारत को उभरती तकनीकों में अग्रणी बनना होगा और स्वदेशी मैन्युफैक्चरिंग को मजबूती देनी होगी।

प्रधानमंत्री मोदी ने देश की सीमाओं की रक्षा में स्वदेशी तकनीक की भूमिका को रेखांकित करते हुए हाल ही में हुए “ऑपरेशन सिंदूर” का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि यह ऑपरेशन तकनीक की ताकत का जीवंत उदाहरण है। भारत ने सीमापार आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर न केवल आतंकियों को जवाब दिया, बल्कि पाकिस्तान को भी कुछ ही घंटों में पीछे हटने पर मजबूर कर दिया। उन्होंने बेंगलुरु के तकनीकी योगदान की विशेष सराहना की।

AI और सेमीकंडक्टर्स बने भारत की नई दिशा 

Infosys के संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति, एस गोपालकृष्णन, बायोकॉन की किरण मजूमदार-शॉ और इंफोसिस के सीईओ सलिल पारेख जैसे दिग्गजों की उपस्थिति में प्रधानमंत्री ने भारत के तकनीकी भविष्य की रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि भारत आज दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है और AI मिशन और सेमीकंडक्टर मिशन जैसे प्रयास भारत को वैश्विक नेतृत्व की ओर ले जा रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि जल्द ही भारत के पास “मेड-इन-इंडिया चिप” होगी, जिसमें बेंगलुरु की विशेष भूमिका होगी।

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उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि यह तकनीकी प्रगति सिर्फ औद्योगिक विकास तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि इसका लाभ देश के गरीब और वंचित वर्ग तक भी पहुँचेगा। प्रधानमंत्री ने गर्व के साथ कहा कि पिछले 11 वर्षों में भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया में 10वें स्थान से पाँचवें स्थान पर पहुँच चुकी है, और अब वह टॉप 3 की ओर तेज़ी से अग्रसर है। उन्होंने विश्वास जताया कि तकनीक के दम पर भारत आत्मनिर्भर बनेगा, और हर नागरिक इस डिजिटल युग का लाभ उठा सकेगा।

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