Starlink High-Speed Internet :भारत में Starlink इंटरनेट का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है। Elon Musk की कंपनी SpaceX की यह सैटेलाइट इंटरनेट सेवा पहले ही 100 से ज़्यादा देशों में शुरू हो चुकी है और अब भारत में इसकी एंट्री की तैयारी चल रही है। खबर है कि Starlink की सर्विस 2025 के आखिर तक या 2026 की शुरुआत में भारत में शुरू हो सकती है।
मंजूरी मिल चुकी,अब स्पेक्ट्रम क्लीयरेंस बाकी
Starlink को भारत सरकार की संस्था IN-SPACe से हरी झंडी मिल चुकी है। अब केवल स्पेक्ट्रम क्लियरेंस की प्रक्रिया बाकी है। मंजूरी मिलते ही Starlink भारत में Ka और Ku बैंड के ज़रिए इंटरनेट सर्विस शुरू करेगा। यह सेवा खासतौर पर उन इलाकों के लिए उपयोगी होगी, जहां आज भी इंटरनेट की सुविधा नहीं पहुंच पाई है।
2026 में आ सकता है Starlink 3.0
एक रिपोर्ट के मुताबिक 2026 में Starlink अपनी अगली जनरेशन के सैटेलाइट लॉन्च करने जा रहा है, जिसे फिलहाल “Starlink 3.0” कहा जा रहा है। हालांकि यह नाम ऑफिशियल नहीं है, लेकिन यह तकनीकी रूप से बड़ा बदलाव लाएगा। नई तकनीक से स्पीड 10 गुना तक बढ़ जाएगी।
नई तकनीक क्या होगी खास?
Starlink 3.0 सैटेलाइट में 1 Tbps की डाउनलिंक और 200 Gbps की अपलिंक कैपेसिटी होगी। यानी यह मौजूदा सैटेलाइट्स से 10 से 24 गुना ज्यादा तेज़ होंगे। इसमें लोअर ऑर्बिट टेक्नोलॉजी, एडवांस बीमफॉर्मिंग, बेहतर हार्डवेयर और AI-बेस्ड सिस्टम्स इस्तेमाल किए जाएंगे। इससे नेटवर्क क्वालिटी और स्पीड काफी बेहतर हो जाएगी।
भारत में कैसी होगी स्पीड और सेवा?
Starlink की भारतीय सेवा की शुरुआत में इंटरनेट स्पीड 25 Mbps से 220 Mbps के बीच रह सकती है। जबकि नेटवर्क की कुल क्षमता करीब 600 से 700 Gbps तक हो सकती है। यह स्पीड भले ही फाइबर ब्रॉडबैंड जैसी न हो, लेकिन गांवों और पिछड़े इलाकों के लिए यह किसी वरदान से कम नहीं होगी।
Starlink की संभावित कीमत क्या हो सकती है?
भारत में Starlink की कीमत को लेकर अब तक कोई ऑफिशियल जानकारी नहीं है, लेकिन बाकी देशों की कीमतों को देखें तो इसकी शुरुआती किट ₹33,000 के आसपास हो सकती है। वहीं, हर महीने का सब्सक्रिप्शन ₹3,000 से ₹4,200 तक हो सकता है। Starlink भारत में अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए Jio या Airtel जैसी कंपनियों के साथ साझेदारी भी कर सकता है।
Starlink इंटरनेट भारत में डिजिटल क्रांति लाने का दम रखता है, खासकर उन जगहों पर जहां आज भी इंटरनेट की सुविधा नहीं है। अगर सब कुछ योजना के मुताबिक चला, तो 2026 तक भारत में तेज़ और स्थिर इंटरनेट की एक नई दुनिया खुल सकती है।