दिल्ली। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख बाबा राम रहीम के असली- नकली के मामले का अब द एंड हो गया। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने 13 मार्च को मामले पर सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता की अपील को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता मोहित इंसा से कहा कि अनुच्छेद 32 के तहत आपकी मांग को पूरा नहीं किया जा सकता।
क्या है पूरा मामला
बता दें कि 12 नवंबर 2022 को सुप्रीम कोर्ट में एक बेहद अजीबो गरीब याचिका दायर की गई थी। जिसमें याचिकाकर्ता मोहित इंसा ने आरोप लगाया कि रोहतक की जेल में जो गुरमीत राम रहीम बंद है वह नकली है। इंसा ने कहा कि वह असली डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत सिंह नहीं है, क्योंकि वास्तविक डेरा प्रमुख को अगवा कर लिया गया है। याचिकाकर्ता ने कोर्ट में डेरा प्रमुख को पेश करके उसकी शिनाख्त करवाने की मांग की थी। कोर्ट ने दायर 28 फरवरी को इसे स्वीकार किया था और 13 मार्च को सुनवाई की तारिख तय की गई।
इस बीच डेरा सच्चा सौदा के प्रवक्ता जितेंद्र खुराना ने बताया कि कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि हमारा वक्त खराब न करें। साथ ही अगली बार जुर्माना लगाने की चेतावनी भी दी।
हाईकोर्ट ने भी खारिज कर दी थी याचिका
हालांकि इससे पहले जुलाई 2022 में राम रहीम की पैरोल के समय मोहित इंसा और अन्य 19 लोगों ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में अर्जी लगाई थी। परंतु हाईकोर्ट ने इसे खारिज कर दिया था। हाईकोर्ट ने याचिकार्ताओं को लताड़ लगाते हुए कहा था कि ये कोई फिल्म नहीं चल रही।
मोहित इंसा के खिलाफ मानहानि केस दर्ज
वहीं डेरा ट्रस्टी ने दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में मोहित इंसा के खिलाफ मानहानि का केस किया है। इसके अलावा मोहित इंसा के खिलाफ सिरसा की अदालत में भी धार्मिक भावनाएं भड़काने का केस दायर किया है। जानकारी के मुताबिर डेरा प्रेमियों का एक धड़ा डेरा मैनेजमेंट के खिलाफ खिलाफ है। डेरा प्रेमी फेथ वर्सेज वर्डिक्ट नामक पेज पर प्रबंधन के खिलाफ अपने विचारों का आदान-प्रदान करते हैं।
बता दें कि बाबा राम रहीम साल 2017 से साध्वी यौन शोषण के दो मामलों में रोहतक जेल में 20 साल की सजा काट रहा है। वहीं इसके बाद राम रहीम को छत्रपति हत्याकांड और रणजीत हत्याकांड में उम्रकैद की सजा हो चुकी है।