नई दिल्ली. कर्नाटक के प्रसिद्ध मूर्तिकार अरुण योगीराज को अयोध्या में राम मंदिर के लिए भगवान राम की मूर्ति बनाने के लिए चुना गया है. इसकी पुष्टि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने सोमवार (15 जनवरी) को दी. उन्होंने खुलासा किया कि कृष्ण शिला पर तैयार की गई. मूर्ति का वजन 150 से 200 किलोग्राम के बीच है. चंपत राय ने बताया कि अरुण योगीराज ने पहले केदारनाथ में शंकराचार्य की मूर्ति और इंडिया गेट पर सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति बनाई है. अयोध्या के लिए भगवान राम की मूर्ति के निर्माण के दौरान वह पंद्रह दिनों तक मोबाइल फोन से कटे रहे. मंदिर में स्थापना के लिए उनकी मूर्ति के चयन को अंतिम रूप दिया गया.
मूर्ति में भगवान राम के बाल रूप की झलक
चंपत राय ने आगे बताया कि मंदिर में स्थापित की जाने वाली मूर्ति 5 वर्ष के आयु वाली श्री राम की है. यह ध्यान देने योग्य है कि तीन मूर्तिकारों ने मंदिर के लिए भगवान राम की मूर्तियां बनाई थीं. उनमे से अरुण योगीराज की रचना को स्थापना के लिए चुना गया था. पुरानी मूर्ति के बारे में चंपत राय ने कहा कि वह मंदिर परिसर में ही रहेगी. जिस मूर्ति की इतने समय से पूजा की जा रही थी उसका भविष्य क्या होगा और उसे मंदिर में स्थापित क्यों नहीं किया जा सका, इस पर सवाल खड़ा हो गया था. चंपत राय ने स्पष्ट किया कि पुरानी मूर्ति को मंदिर परिसर में ही रखा जाएगा.
22 जनवरी दोपहर 12 से 1 प्राण प्रतिष्ठा
गौरतलब है कि चंपत राय ने आगे बताया कि प्राण प्रतिष्ठा समारोह, जिसे “प्राण प्रतिष्ठा” के नाम से बोला जा रहा है, बुधवार (16 जनवरी) को शुरू होगा और 21 तारीख तक जारी रहेगा. 22 जनवरी को दोपहर 12 बजे से एक बजे तक प्राण प्रतिष्ठा समारोह के साथ मूर्ति को गर्भगृह में स्थापित किया जाएगा. इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, आरएसएस प्रमुख डॉ. मोहन भागवत और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत विभिन्न गणमान्य लोग अपनी भावनाएं व्यक्त करेंगे.
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