गाजियाबाद के मोदी नगर से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। जहां पर मकान मालिक ने रुपयों की खातिर किराएदार की हत्या कर दी। और उसके मृतक शरीर के चार टुकड़े करके मुरादनगर गंग नहर में अलग-अलग जगह पर फेंक दिया। मकान मालिक ने कारोबार के लिए किराएदार से उधार में 60 लाख रुपए चुकाने ना पड़े इसके लिए उसने पीएचडी कर रहे छात्र की हत्या कर दी। और फिर उसके खाते से 40 लाख रुपये भी निकाल लिए। मोदीनगर में रहने वाले अंकित खोकर के माता पिता नही है वो मोदीनगर में एक मकान में किराए पर रहता था। मकान मालिक ने उसकी 6 अक्टूबर को हत्या कर दी और उसके शव को 4 टुकड़ो में काटकर गंगनहर में बहा दिया।
आरोपी समेत पत्नी और 6 लोगों को हिरासत में लिया गया
आपको बताते चलें कि गाजियाबाद के मोदी नगर में मकान मालिक ने रुपयों की खातिर किराएदार की हत्या कर चार टुकड़ो में मुरादनगर गंग नहर में अलग-अलग जगह पर फेंक दिया। उमेश जिस पर की हत्या का आरोप है उसका साला प्रदीप मृतक अंकित का दोस्त था जोकि एक अस्पताल में कंपाउंडर का काम करता है। पुलिस पूछताछ में सामने आया है कि आरोपी उमेश ने पहले अंकित का गला घोटा फिर उसके टुकड़े कर नदी में फेक दिया। पुलिस ने इस मामले में उमेश व उसकी पत्नी समेत 6 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की। पूछताछ के दौरान पता चला की मृतक अंकित बागपत जिले के गांव मुकुंदपुर का रहने वाला था जोकि लखनऊ से पीएचडी कर रहा था। अंकित ने अपनी सारी पैतृक संपत्ति बेच दी थी जिसके लगभग डेढ़ करोड़ रूपय उसके बैंक अकाउंट में थे और वह मोदीनगर के राधे एनक्लेव कॉलोनी में किराए पर रह रहा था।
दोस्तों को शक होने पर अंकित की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई
अंकित काफी वक्त से अपने दोस्तों के संपर्क में नहीं था जिसके चलते उसके दोस्तों को शक हुआ तो उन्होंने मोदीनगर पहुंचकर अंकित की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। जिसके बाद पुलिस इस मामले की जांच में जुट गई। पुलिस ने मोबाइल नंबर के जरिए अंकित के बैंक अकाउंट डीटेल्स निकलवाई तो पता चला कि अब तक उसके खाते से रकम निकल रही है। अंकित की आखरी बार लोकेशन उसके किराए वाले मकान में थी। पुलिस को शक होने पर मकान मालिक उमेश शर्मा को कस्टडी में ले लिया है। मकान मालिक उमेश से जब पूछताछ हुई तो सच्चाई जानकर पुलिस के होश उड़ गए पता चला कि 6 अक्टूबर 2022 को ही उमेश ने अपने दोस्तों को घर बुलाकर अंकित खोखर की हत्या कर दी थी।
हत्या करने के बाद 2 महीने तक चलाता रहा फोन
अंकित की हत्या करने के बाद भी मकान मालिक उमेश उसके फोन को तकरीबन 2 महीने तक चलाता रहा। जानकारी के मुताबिक अंकित के फोन पर इंटरनेट बैंकिंग मौजूद थे और उसी के जरिए उन्होंने पिछले 2 महीनों में उसे खाते में पड़े 40 लाख रुपए भी ट्रांसफर कर लिए। शिकायत मिलने के बाद जब पुलिस ने जांच की तो पता चला कि अंकित के खाते में केवल ₹10 लाख ही बचे हैं।
टीम ने अंकित के कमरे से इकट्ठा किये सबूत।
2 महीने बाद अंकित की हत्या का खुलासा हुआ है ऐसे में पुलिस की कई टीमें अंकित केशव की तलाश में जुटी है। वहीं डीसीपी ग्रामीण डॉक्टर इरज राजा ने बताया कि सबूत इकट्ठा करने के लिए फील्ड यूनिट की फॉरेंसिक टीम अंकित के कमरे की जांच पड़ताल की है। वहां कुछ खून के निशान और बाल के टुकड़े पुलिस को मिले हैं।