प्रदेश में मिड डे मील घोटले की खबरें लगातार सामने आ रही है। बच्चों मिलने वाले खाने में भी आरोपी धोखाधड़ी करते नजर आते है। जहां एक और योगी सरकार लगातार सरकारी स्कूलों को बेहतर बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। लेकिन जमीनी स्तर पर स्कूलों की स्थिति किसी से छिपी नहीं है। दरअसल घोरावल तहसील के कम्पोजिट विद्यालय गुरेठ का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
जिसमें बच्चे जोर जोर से चिल्लाकर बता रहे हैं कि उन्हें मिड डे मील में नमक व रोटी परोसा गया। वहीं वायरल वीडियो में स्कूल की रसोईया भी बता रही कि किचन में नमक व चावल ही पड़ा है। इसके बाद शिक्षा विभाग समेत प्रशासनिक अमले में हड़कंप मचा गया है।
एक स्वर में बाले बच्चें
आपको बता दें कि शासन की योजना मिड डे मील मे प्रतिदिन बच्चों को मीनू के मुताबिक ही भोजन दिया जाता है। लेकिन वीडियो में दिख रहा है कि एक सख्स बच्चों से पूछ रहा है कि कल क्या बना था। तो सभी बच्चे एक स्वर में बता रहे हैं कि नमक रोटी यानी वीडियो में विद्यालय के बच्चे नमक रोटी परोसे जाने की बात कबूल कर रहे हैं।
वहीं खंड शिक्षा अधिकारी अशोक कुमार सिंह से मोबाइल फोन पर बात की गई तो बताया कि मामला आज संज्ञान में आया है। वहीं मामले पर बीएसए का कहना हैं कि स्कूल के प्रधानाध्यापक के खिलाफ निलंबन की कार्यवाही करने का आदेश दिया जा चुका है। साथ ही जिले के सभी प्रधानाध्यापकों को भी निर्देशित किया गया है कि वह मीनू के अनुसार ही मिड डे मील तैयार कराएं अन्यथा उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी ।
कौन- कौन जिम्मेदार है
बहरहाल सरकारी स्कूल की बदहाली की यह कोई नई कहानी नहीं है, इसके पहले चोपन ब्लाक के कोटा ग्राम पंचायत के सलईबनवा प्राथमिक विद्यालय स्कूल में एक बाल्टी पानी में एक लीटर दूध मिलाकर 81 बच्चों को पिलाने का मामला पहले भी प्रकाश में आ चुका है ।
लेकिन यहां बड़ा सवाल यह है कि जब सरकार यह कहती है कि बजट की कोई कमी नहीं है तो आखिर ऐसी दशा के लिए जिम्मेदार कौन है ? यहां एक बड़ा सवाल यह भी उठता है कि सोनभद्र पिछड़ा जनपद है यानी नीति आयोग में शामिल है, ऐसे में जब इसकी मॉनिटरिंग पीएम से लेकर सीएम तक करते हैं तो ऐसी लापरवाही के लिए कौन- कौन जिम्मेदार है यह तो सरकार को तय करने की जरूरत है ।
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