भारत का पहला नियोजित शहर
जयपुर को 18 नवंबर 1727 को आमेर के महाराजा जय सिंह द्वितीय ने बसाया था। यह भारत का पहला नियोजित शहर है जिसे बंगाली वास्तुकार विद्दाधर भट्टाचार्य ने डिज़ाइन किया था। जयपुर को बनाने में चार साल का समय लगा और इसे आमेर की राजधानी बना दिया गया।
नियोजित शहर की सुंदरता
जयपुर को विशेष रूप से उसकी ऐतिहासिक और वास्तुकला संबंधी खूबियों के लिए जाना जाता है। इसकी सड़कों और इमारतों का निर्माण सुनियोजित तरीके से हुआ है। जल निकासी और दरवाजों की निर्माण व्यवस्था ऐसी थी कि शहर के निवासियों के लिए किसी भी मौसम में सुविधाजनक जीवन सुनिश्चित हो।
गुलाबी शहर का रहस्य
1876 में महाराजा सवाई रामसिंह ने इंग्लैंड की महारानी एलिजाबेथ और प्रिंस अल्बर्ट के स्वागत के लिए पूरे शहर को गुलाबी रंग में रंगवा दिया था। तब से ही जयपुर को ‘गुलाबी शहर’ के नाम से जाना जाता है। तीन ओर से अरावली पर्वतों से घिरा यह शहर अपने अनूठे रंग और वास्तुकला के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है।
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भारत के अन्य नियोजित शहर
जयपुर के बाद, भारत में कई अन्य नियोजित शहर बनाए गए जैसे चंडीगढ़, नवी मुंबई, नोएडा, गांधीनगर, और भुवनेश्वर। इन शहरों की वास्तुकला और योजनाबद्ध विकास अपने-अपने तरीकों से अनूठे हैं, लेकिन जयपुर की ऐतिहासिक सुंदरता और व्यवस्थित योजना इसे भारत का पहला और खास नियोजित शहर बनाती है।
Jaipur का विशेष स्थान
जयपुर न केवल ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह एक प्रमुख पर्यटन स्थल भी है। इसकी अनूठी वास्तुकला, विशाल किले और गुलाबी रंग की इमारतें इसे दुनिया के सबसे खूबसूरत शहरों में से एक बनाती हैं।