कोलकाता के RG Kar College-Hospital में 31 साल की महिला डॉक्टर के साथ हुई घटना के बाद से जूनियर डॉक्टरों ने एक महीने से ज्यादा समय से काम बंद कर रखा है। Supreme Court ने उन्हें तुरंत ड्यूटी शुरू करने को कहा है, लेकिन गुस्से में आए डॉक्टर काम पर वापस नहीं लौट रहे हैं। अदालत के आदेश के बावजूद, सोमवार रात डॉक्टरों ने अपनी हड़ताल जारी रखने का फैसला किया।
Junior Doctors का काम पर लौटने से इनकार
सोमवार को Supreme Court ने चेतावनी दी कि अगर डॉक्टर काम पर वापस नहीं आते, तो उन पर कार्रवाई की जा सकती है। अदालत ने कहा कि 31 साल की महिला डॉक्टर के साथ हुई घटना की जांच CBI कर रही है, और जूनियर डॉक्टरों को अब काम पर लौट जाना चाहिए। हड़ताल की वजह से स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह से प्रभावित हो रही हैं। फिर भी, सोमवार रात डॉक्टरों ने साफ तौर पर काम पर वापस लौटने से मना कर दिया।
CBI को जांच के लिए मिला एक और हफ्ता
सोमवार की सुनवाई के दौरान, मुख्य न्यायाधीश DY Chandrachud ने डॉक्टरों को उनकी जिम्मेदारी याद दिलाई और कहा कि CBI को जांच पूरी करने के लिए एक और सप्ताह चाहिए। अदालत ने सुनवाई को 17 सितंबर तक टाल दिया और यह भी कहा कि अगर डॉक्टर काम पर लौटते हैं तो उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। हालांकि, अदालत ने चेतावनी दी कि अगर वे काम पर नहीं लौटते, तो राज्य सरकार उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई कर सकती है।
ड्यूटी पर लौटो या अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करो
जब मुख्य न्यायाधीश की बेंच ने यह चेतावनी दी, तो वरिष्ठ वकील Geeta Luthra ने कहा कि डॉक्टरों को डराया जा रहा है। इसके जवाब में अदालत ने कहा कि डॉक्टरों को मंगलवार शाम 5 बजे तक काम पर लौटने का निर्देश दिया है, और आश्वासन दिया कि उन पर कोई कार्रवाई नहीं होगी। लेकिन Supreme Court ने साफ कर दिया कि अगर डॉक्टर हड़ताल जारी रखते हैं, तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई जरूर होगी।