Lucknow: उत्तर प्रदेश सरकार ने बुधवार देर शाम 13 आईएएस अधिकारियों के तबादले का आदेश जारी किया। इस प्रशासनिक फेरबदल में कई महत्वपूर्ण पदों पर नए अधिकारियों की नियुक्ति की गई है, जिससे राज्य के प्रशासनिक ढांचे में नए सिरे से बदलाव किए गए हैं।
मुख्य नियुक्तियां और तबादले:
- अंकिता जैन को मुख्य विकास अधिकारी, गोंडा के पद पर तैनात किया गया है। इस पद पर नियुक्त होने से पहले वह प्रतीक्षारत थीं।
- अन्नपूर्णा गर्ग को विशेष सचिव, नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग का दायित्व सौंपा गया है। वह इससे पहले ग्रेटर नोएडा की अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी के रूप में कार्यरत थीं।
- प्रतीक्षारत आईएएस अधिकारी के विजयेंद्र पांडियन को आयुक्त एवं निदेशक, उद्योग का पद सौंपा गया है। यह पद उनके करियर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
- मिनिष्ती एस. को सचिव, वित्त विभाग के पद पर नियुक्त किया गया है। वह भी तबादले से पहले प्रतीक्षारत थीं।
- एम. अरुंमोली को आगरा विकास प्राधिकरण का उपाध्यक्ष बनाया गया है। इस पद पर वह प्रतीक्षारत से आ रही हैं।
प्रमुख जिलों के मुख्य विकास अधिकारियों में बदलाव:
उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों के मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) के पद पर भी नए अधिकारियों की नियुक्ति की गई है।
- डॉ. दिव्या मिश्रा को मुख्य विकास अधिकारी, प्रतापगढ़ बनाया गया है।
- प्रखर कुमार सिंह को मुख्य विकास अधिकारी, अलीगढ़ के पद पर तैनात किया गया है।
- मुकेश चन्द्र को मुख्य विकास अधिकारी, बहराइच का पद सौंपा गया है।
अन्य महत्वपूर्ण बदलाव:
- आकांक्षा राणा को विशेष कार्याधिकारी, कुंभ मेला प्राधिकरण बनाया गया है।
- राम्या आर को विशेष सचिव, अवस्थापना एवं औद्योगिकी विकास विभाग का दायित्व सौंपा गया है।
- नवनीत सेहारा को संयुक्त प्रबंध निदेशक, उप्र. सहकारी चीनी मिल्स संघ लिमिटेड, लखनऊ के पद पर नियुक्त किया गया है।
- प्रतीक्षारत अरविंद सिंह को अपर भूमि व्यवस्था आयुक्त, राजस्व परिषद यूपी, लखनऊ के पद पर तैनात किया गया है।
तबादलों का व्यापक प्रभाव:
Lucknow में यह प्रशासनिक बदलाव राज्य सरकार की रणनीतिक योजनाओं के तहत किए गए हैं, जिनका उद्देश्य प्रशासनिक कार्यों में तेजी लाना और शासन की पारदर्शिता को बढ़ावा देना है। इन तबादलों के साथ ही राज्य में नए अधिकारियों को जिम्मेदारियों का सामना करना होगा, जो कि उनके करियर के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।
इस फेरबदल से उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में विकास कार्यों को नई दिशा मिलेगी, जबकि राज्य के प्रशासनिक ढांचे में भी एक नई ऊर्जा का संचार होगा।