Sheikh Hasina : बांग्लादेश में हिंसक प्रदर्शनों और आगजनी के बीच हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। देश के लगभग हर शहर में लोग सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं और सरकारी संपत्तियों पर हमला कर रहे हैं। इतनी गंभीर स्थिति बन गई है कि 2009 से सत्ता में रहीं प्रधानमंत्री शेख हसीना को इस्तीफा देना पड़ा है।
बांग्लादेशी मीडिया के अनुसार, शेख हसीना इस्तीफा देकर भारत के लिए रवाना हो गई हैं, और उनकी बहन भी उनके साथ गई हैं। उनके इस्तीफे के बाद बांग्लादेश के आर्मी चीफ जनरल वकार-उज-जमान ने एक अंतरिम सरकार के गठन की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि शेख हसीना इस्तीफा दे चुकी हैं और अंतरिम सरकार के गठन में सहायता करेंगी।
हिंसा में लगभग 100 लोगों की गई जान
इससे पहले, हजारों प्रदर्शनकारी छात्रों ने देशव्यापी कर्फ्यू की परवाह किए बिना कई शहरों में प्रदर्शन जारी रखा। रविवार की हिंसा में लगभग 100 लोग मारे गए हैं। प्रदर्शनकारी छात्रों ने ढाका के शाहबाग चौक पर एकत्र होकर अपने विरोध को जारी रखा और प्रधानमंत्री आवास पर हमला कर दिया।
प्रदर्शनकारियों ने आवामी लीग के कार्यकर्ताओं और नेताओं को भी निशाना बनाया। शेख हसीना के बेटे ने सुरक्षाबलों से अपील की है कि वे संभावित तख्तापलट के प्रयासों को विफल करें। मुख्य विपक्षी दल बीएनपी के कार्यकर्ता भी इस प्रदर्शन में शामिल होकर तख्तापलट की कोशिश में लगे हुए हैं।
पहले भी भारत में रह चुकी है शेख हसीना
यह पहली बार नहीं है जब शेख हसीना ने भारत में शरण लिया हो; पहले भी वह भारत में लगभग 6 साल तक रही थीं। बांग्लादेश की स्वतंत्रता के बाद, शेख हसीना के पिता शेख मुजीबुर्रहमान प्रधानमंत्री बने, लेकिन पाकिस्तान समर्थित सेना की कुछ टुकड़ियों ने 1975 में विद्रोह कर दिया और शेख मुजीब और उनके परिवार के सभी सदस्य मारे गए।
उस समय शेख हसीना (Sheikh Hasina) और उनकी बहन जर्मनी में थीं, इसलिए उनकी जान बच गई। भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उन्हें भारत में शरण दी, और वह 1975 से 1981 तक दिल्ली में रही। जब बांग्लादेश में हालात स्थिर हुए, तो वह लौटकर प्रधानमंत्री बनीं। अब, एक बार फिर उन्हें भारत में शरण लेने की स्थिति बन गई है।