One Nation, One Election: कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने इसलिए समिति में शामिल होने से किया मना

कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने इसलिए समिति में शामिल होने से किया मना

नई दिल्ली। केंद्र की बीजेपी सरकार द्वारा संसद का विशेष सत्र बुलाया गया है. बीजेपी नेता प्रह्लाद जोशी ने बताया था कि पांच दिवसीय विशेष सत्र 18 से 22 सितंबर तक चलेगा, इस दौरान 5 अहम बैठके और करीब 10 महत्वपूर्ण बिलों पर चर्चा हो सकती है. इसके अलावा केंद्र, ‘एक देश एक चुनाव’ को लेकर मुद्दे को लेकर आगे बढ़ रही है. कैबिनेट ने एक समिति की गठन की है. इसकी अध्यक्षता पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को की गई है. वहीं इस महत्वपूर्ण कमेटी का सदस्य कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी को भी बनाया गया है. लेकिन अधीर रंजन चौधरी ने कमेटी का सदस्य बनने से साफ इंकार कर दिया है. जिसके पीछे एक महत्वपूर्ण वजह है.

कांग्रेस नेता ने गृहमंत्री को पत्र में ये लिखा

कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर समिति का सदस्य नहीं बनने की वजह बताई है. उन्होंने पत्र में लिखा कि, ‘ मुझे इस समिति में कार्य करने से इनकार करने का कोई भी झिझक नहीं है. क्योंकि इसकी शर्ते उसके निष्कर्षों की गारंटी के लिए तैयार की गई है. मुझे ऐसा लग रहा है कि ये पूरी तरह से धोखा है. इस समिति को ऐसे समय पर लाया गया है, जहां पर कुछ समय में कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में संवैधानिक रूप से संदिग्ध विचार को देश पर थोपने का अचानक प्रयास किया जा रहा है. जो सरकार के गुप्त उद्देश्यों के बारे में चिंता पैदा करने वाला है. ‘

मल्लिकार्जुन को नहीं शामिल करने पर नाराजगी

अधीर रंजन चौधरी ने आगे कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खरगे को समिति के बाहर रखने की बात को लेकर नाराजगी जताई है. उन्होंने कहा है कि, ‘ राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे को समिति से बाहर रखा गया है, ऐसा करके संसदीय लोकतंत्र की व्यवस्था का जनबूझकर बहुत अपमान किया गया है. इन सभी वजहों से मेरे पास आपके इस निमंत्रण को अस्वीकार्य करने के अलावा और कोई भी विकल्प नहीं है. ‘

मल्लिकार्जुन खरगे
मल्लिकार्जुन खरगे

8 सदस्यीय समिति में इनको मिला था जगह

बता दें कि केंद्र ने देश में सभी चुनाव एक साथ करवाने की संभावनाओं को तलाशने के लिए एक 8 सदस्यीय समिति का गठन किया है. इस 8 सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति के अध्यक्ष की जिम्मेदारी पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को दी गई है. वहीं इसके अलावा इसमें गृह मंत्री अमित शाह, पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, पूर्व वित्त आयोग अध्यक्ष एनके सिंह, पूर्व लोकसभा महासचिव डॉ सुभाष कश्यप, वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे और मुख्य सतर्कता आयुक्त रह चुके संजय कोठरी को शामिल किया गया था.

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