नई दिल्ली।नए हिट एंड रन कानून के खिलाफ ट्रांसपोर्टर और ट्रक ड्राइवर हड़ताल पर है। भारतीय न्याय संहिता 2023 में हुए संशोधन के बाद हिट एंड रन के मामलों में दोषी ड्राइवर पर 7 लाख रुपए तक का जुर्माना और 10 साल तक कैद का प्रावधान किया गया है। जिसको लेकर ये लोग हड़ताल पर है। ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (AIMTC) ने हिट एंड रन कानून को सख्त बनाने का विरोध किया है। संगठन ने चक्काजाम का आह्वान किया। इसके बाद से देशभर में हड़ताल शुरू हो गई है। इससे पहले ट्रक ड्राइवरों और ट्रांसपोर्टर्स ने शनिवार को जयपुर, मेरठ, आगरा एक्सप्रेस वे सहित कई हाईवे पर प्रोटेस्ट किया। ये हड़ताल आज भी जारी है। भारतीय न्याय संहिता 2023 में हुए संशोधन के बाद नए हिट एंड रन के मामलों में दोषी ड्राइवर पर 7 लाख रुपए तक का जुर्माना और 10 साल तक कैद का प्रावधान है।।
अगली बैठक 10 को
हिट एंड रन कानून को लेकर, AIMTC की अगली बैठक 10 जनवरी को तय किया गया है, जिसमें आगे के फैसलों पर निर्णय लिया गया। कानून को लेकर AIMTC के अध्यक्ष अमृत मदान ने कहा कि मामले में कठोर कानून बनाने की आवश्यकता है। सरकार ने इस पर काम भी किया है। सरकार ने कानून को मजबूती देने का काम किया है। उनका इरादा अच्छा है। लेकिन इस प्रस्तावित कानून में कई सारी खामियाँ है जिसको लेकर हम सरकार से पक्ष रख रहें है। केंद्र सरकार को फिर से एक बार कानून को लेकर सोचना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि देश के अर्थव्यवस्था में परिवहन का बड़ा योगदान है। लेकिन नए कानून को लेकर ट्रक ड्राइवर सहमत नहीं है, इसकों लेकर सरकार को एक बार विचार करना चाहिए।
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एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन प्रोटोकॉल का अभाव
AIMTC का मानना है कि वर्तमान में देश में एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन प्रोटोकॉल का काफी अभाव है। इसलिए ऐसे मामलों में जब कोई एक्सीडेंट होता है, तो कानून बिना किसी जांच के बड़े वाहन चालक की गलती करार दी जाती है। जबकि वास्तविकता कुछ और होती है। ऐसे में जब भी कोई दुर्घटना होती है तो ड्राइवर बचने के इरादे से नहीं बल्कि, बेकाबू भीड़ से खुद की जान बचाने के लिए घटना स्थल से भाग जाता है। ऐसे में उस पर सजा का प्रावधान और जुर्माना लगाना कहीं से भी ठीक नहीं है। इसलिए कानून का इस पक्ष में भी बदलाव जरूरी है।