फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को हर साल महाशिवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है। इस बार यह महापर्व 18 फरवरी को है। बता दें कि पौराणिक कथाओं के अनुसार शनि महादेव के परम भक्त थे। इसलिए कहा जाता है महाशविरात्रि के दिन शिवलिंग पर कुछ विशेष चीजें चढ़ाने शिव जी प्रसन्न होते हैं और आपकी हर मनोकामना को पूर्ण करते हैं।
पहले से हो रही महाशिवरात्रि की तैयारीयां
वहीं महाशिवरात्री का त्योहार बड़े ही धूम -धाम से मनाया जाता है। बता दें कि उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में शिव नवरात्रि मोहत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। इसके लिए कई दिन पहले से तैयारियां शुरू हो जाती है। वहीं 9 दिन तक भगवान महाकाल का अलग-अलग रुपों में श्रृंगार होता है। इसके लिए दूर-दूर से सामग्रियां मंगाई जाती हैं। इस दौरान भगवान महाकाल का उमा महेश, घटाटोप, चंदन श्रृंगार , मन महेश, शिव तांडव, छबीना आदि रुपों में श्रृंगार किया जाता है।
भगवान शिव को हल्दी और चढ़ाए भांग
महाशिवरात्रि पर शिवलिंग पर गंगाजल चढ़ाने से साढ़ेसाती व ढैय्या का प्रभाव काफी कम हो सकता है। आप पहले किसी तांबे के लोटे में पानी लेकर उसमें थोड़ा सा गंगाजल मिलाएं, फिर इसके बाद उससे शिवलिंग का जलाभिषेक करें।भगवान शिव के साथ-साथ उनके गले में लिपटे नाग वासुकी को भी दूध प्रिय है। इसलिए महाशिवरात्रि पर आप भगवान शिव को दूध भी अर्पित कर सकते हैं।आप महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर दही भी अर्पित कर सकते हैं। शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या का प्रभाव काफी हद तक कम होता है।
वहीं शिवलिंग पर चंदन और भांग अर्पित की जाती है, हल्दी आर्पीत की जाती है। साथ ही माता पार्वती को मेहंदी लगाई जाती है। इसके बाद महाशिवरात्री के दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाहोत्सव मनाया जाता है. भगवान महाकाल दूल्हा बनते हैं. इस दिन महाकाल मंदिर में दर्शन करने के लिए देश भर से श्रद्धालु पहुंचते हैं. इस साल भी महाशिवरात्रि के लिए महाकाल मंदिर में विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं.