प्रयागराज में हुए उमेश पाल हत्याकांड में रोज नए खुलासे हो रहे हैं। अब एक सनसनीखेज खुलासा एनकाउंटर में मारे गए विजय चौधरी उर्फ उस्मान को लेकर हुआ है। अतीक अहमद के D-227 गैंग में उस्मान का रसूख इस कदर बढ़ गया था कि वह सीधे माफिया अतीक और अशरफ से मिलता था। पुलिस की जांच में इसी पुष्टि भी हुई है। चुस्ती और फुर्ती के कारण उस्मान का अतीक गैंग में विशेष स्थान था। वह घटना के कुछ दिन पहले ही अशरफ से बरेली जेल मिलने के बाद अतीक से मिलने साबरमती जेल पहुंचा। उसने दोनों से वादा किया कि वह अकेले ही उमेश और सिपाहियों को मार देगा।
विजय कैसे बना उस्मान
उस्मान ने उमेश और सिपाही संदीप को पहली गोली मारी थी। जब उमेश पाल उठकर घर की ओर भागने लगा तो अतीक के बेटे असद ने उसे कवर दिया और दौड़ते हुए उमेश पाल को गोलियों से भून दिया। CCTV फुटेज में साफ दिख रहा है कि असद उमेश पाल को किसी भी सूरत में बचने नहीं देने चाहता।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, विजय चौधरी उर्फ उस्मान की मुलाकात दो साल पहले अतीक के शूटर गुलाम से हुई थी। गुलाम ने ही उस्मान की अतीक से मुलाकात कराई थी। उसे जब नए असलहे मिले, तो अचूक निशाना लगाने लगा। गुलाम ने अतीक और अशरफ से विजय के बारे में बताया था। बाद में वह गिरोह में अपना कद बढ़ाता गया और उसे सभी उस्मान कहकर बुलाने लगे और विजय उस्मान हो गया।
जेल में तैयार हुआ था मर्डर का खाका
मिली जानकारी के अनुसार साबरमती जेल में ही उमेश पाल मर्डर केस का खाका खींचा गया। उमेश को खत्म करने में उस्मान को बड़ी भूमिका दी गई। इसके बाद आईफोन के साथ ही साथ नए वेपन और 50 हजार रुपए भी दिए गए। गिरोह में हैसियत से उस्मान भी बहुत खुश रहने लगा था। उसने गांव में अतीक के नाम का खौफ बना रखा था। आए दिन लोगों को धमकी दे देता था।
उसने गांव के ही सवर्ण की लड़की को भगा कर शादी कर ली थी और कोई उसका कुछ नहीं बिगाड़ पाया। वह अतीक के बेटे असद से भी मिलने लगा था। दोनों हमउम्र थे। असद ने ही उमेश पाल की हत्या करने को लेकर उस्मान से पहली बार चर्चा की थी।