Akhilesh Yadav on SP ticket: समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव ने आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर सख्त कदम उठाते हुए टिकट के दावेदारों को बड़ा झटका दिया है। उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि कोई भी नेता खुद को भावी विधायक या प्रत्याशी घोषित न करे। हाल ही में हुई पार्टी पदाधिकारियों की एक बैठक में अखिलेश ने चेतावनी दी कि पिछले चुनावों के प्रत्याशी भी यह न मानें कि उनका टिकट तय है। उन्होंने कहा कि सपा का टिकट परिस्थितियों, गठबंधन की स्थिति और पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) वोट साधने की क्षमता पर निर्भर करेगा। साथ ही, उन्होंने कार्यकर्ताओं को भाजपा की नकारात्मक राजनीति से सावधान रहने और इंडिया गठबंधन को मजबूत बनाने का आह्वान किया।
टिकट की घोषणा पर सख्त निर्देश
Akhilesh Yadav ने पार्टी नेताओं को सख्त निर्देश दिए हैं कि कोई भी खुद को “भावी विधायक” या “अगला प्रत्याशी” कहकर प्रचार न करे। उन्होंने कहा कि कुछ नेता अपने जिलों में टिकट पक्का होने का दावा कर रहे हैं, जिससे पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचता है। उन्होंने ऐसे नेताओं को चेतावनी दी कि यह व्यवहार स्वीकार्य नहीं है। अखिलेश ने कहा कि पार्टी का फोकस सिर्फ पीडीए के लिए काम करने पर होना चाहिए, और टिकट उसी नेता को मिलेगा जो वर्तमान हालात और गठबंधन की रणनीति के हिसाब से उपयुक्त होगा।
बैठकों में खानापूर्ति बर्दाश्त नहीं
सपा प्रमुख Akhilesh Yadav ने पदाधिकारियों की बैठकों पर कड़ी नजर रखने की बात भी कही। उन्होंने एक नेता का उदाहरण देते हुए कहा कि कुछ लोग सिर्फ खानापूर्ति के लिए बैठकें कर रहे हैं, जिनमें हर बार वही चेहरे दिखाई देते हैं। उन्होंने इस रवैये पर नाराजगी जताई और इसे बंद करने की हिदायत दी। अखिलेश ने कहा कि सभी पदाधिकारी जमीनी स्तर पर काम करें और पीडीए वोटर्स को साधने के प्रयास तेज करें।
भाजपा की राजनीति पर निशाना
अखिलेश यादव ने भाजपा पर भी तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि भाजपा नकारात्मक राजनीति के जरिए विपक्षी नेताओं को बदनाम करने में करोड़ों रुपये खर्च करती है। सपा कार्यकर्ताओं को इस रणनीति से सतर्क रहने और अपनी ताकत को इंडिया गठबंधन के लिए इस्तेमाल करने की सलाह दी।
सोशल मीडिया पर निगरानी
अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर भी अपनी पैनी नजर रखने का इशारा किया। उन्होंने पार्टी के सोशल मीडिया हैंडल्स और पोस्ट्स की समीक्षा को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि इसे पार्टी के उद्देश्य के अनुरूप चलाया जाए।
सपा प्रमुख के इन सख्त निर्देशों के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं में हलचल है। अखिलेश के इस कदम से सपा की चुनावी तैयारियों में नई दिशा मिलने की उम्मीद है।