Vastu Tips: अक्सर बच्चों का पढ़ाई में मन नहीं लगता। इसका कारण सिर्फ आलस या पढ़ाई का दबाव नहीं होता, बल्कि घर में स्टडी रूम का गलत डायरेक्शन या वास्तु दोष भी हो सकता है। प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य डॉ. गौरव कुमार दीक्षित बताते हैं कि गलत दिशा में बैठकर पढ़ाई करने से बच्चों की concentration कम हो जाती है और वे negative विचारों से घिर जाते हैं। इस वजह से वे जल्दी बोर हो जाते हैं और गेम खेलने या अन्य गतिविधियों में लग जाते हैं।
पढ़ाई में concentration के लिए सही दिशा
बच्चों का पढ़ाई में मन लगाने के लिए सही दिशा का बहुत महत्व है। अध्ययन कक्ष हमेशा ईस्ट या नॉर्थ ईस्ट में होना चाहिए। इन दिशाओं में पॉजिटिव एनर्जी का flow अधिक होता है, जिससे बच्चों की एकाग्रता बढ़ती है।
मेज की दिशा
पढ़ाई की मेज उत्तर या पूर्व दिशा की ओर होनी चाहिए।
सरस्वती की मूर्ति
टेबल पर मां सरस्वती की तस्वीर लगाएं। इससे बच्चों को सकारात्मक ऊर्जा मिलेगी।
साउथ-वेस्ट में स्फटिक के मोती रखें
साउथ-वेस्ट दिशा में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाने के लिए स्फटिक के दो मोती रखें। इन्हें एक हफ्ते तक नमक के पानी में रखें, फिर धोकर चार घंटे धूप में रखें। इसके बाद इन्हें अध्ययन कक्ष में रखें।
अव्यवस्था से बचें
अध्ययन कक्ष में कभी भी कबाड़, रद्दी, वीडियो गेम या बेकार चीजें न रखें। ये चीजें नेगेटिव एनर्जी पैदा करती हैं और बच्चों का ध्यान भटकाती हैं।
मोमबत्ती जलाएं
अध्ययन कक्ष में मोमबत्ती रखने से बच्चों का मन स्थिर रहता है और उनका ध्यान पढ़ाई में केंद्रित होता है।
पढ़ाई का माहौल बनाएं
टेबल पर किताबों का ढेर न लगाएं। जो किताबें जरूरी हैं, सिर्फ वही रखें। कमरे को साफ सुथरा और शांतिपूर्ण बनाए रखें।
वास्तु दोष सुधारें और पढ़ाई में सुधार देखें
इन छोटे छोटे बदलावों से बच्चों की पढ़ाई में बड़ा फर्क आएगा। सही दिशा और सकारात्मक माहौल से उनकी एकाग्रता बढ़ेगी, और वे अच्छे परिणाम लाएंगे। पढ़ाई को बोझ नहीं, बल्कि एक रचनात्मक अनुभव बनाने के लिए यह जरूरी है।
disclaimer: यहां बताई गई बातें सिर्फ जानकारी के लिए है। News1India किसी भी जानकारी की पुष्टी नहीं करता है। इनको इस्तेमाल में लाने से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।