Tragic Train Accident in Muzaffarpur: जिले के सदर थाना क्षेत्र के भगवानपुर ओवरब्रिज के पास सोमवार सुबह करीब आठ बजे एक दिल दहला देने वाली घटना हुई। दो सगी बहनों की ट्रेन से कटकर मौके पर ही मौत हो गई। दोनों के शव रेलवे पटरी के किनारे मिले। दोनों बहनें बैंक में नौकरी करती थीं और दानापुर के शांति नगर इलाके की रहने वाली थीं। बड़ी बहन स्वाति साह केनरा बैंक, गोबरसही शाखा में कार्यरत थी, जबकि छोटी बहन सुरूची साह स्टेट बैंक, गोला रोड शाखा में एसएमई लोन अधिकारी के तौर पर काम कर रही थी।
दोनों बहनें भगवानपुर ओवरब्रिज के पास माड़ीपुर में एक अपार्टमेंट में रह रही थीं। स्वाति की शादी मधुबनी में हुई थी और उनके पति दिल्ली में डिफेंस में कार्यरत हैं।
परिवार का परिचय
शंकर शाह और उनकी पत्नी सविता शाह के चार बच्चे हैं। तीन बेटियाँ और एक बेटा। स्वाति, सुरूची और सुरूभि तीन बहनें हैं। सुरूची और सुरूभि जुड़वा थीं। छोटा भाई शुभम भोपाल में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा है। स्वाति और सुरूची पढ़ाई में तेज थीं और दोनों अपने काम में व्यस्त रहती थीं। घर में माता-पिता का जीवन सादा और धार्मिक है। पिता शंकर शाह शिक्षक हैं और माता गृहिणी।
स्थानीय लोगों के अनुसार, तीनों बहनें बहुत सरल स्वभाव की थीं। वे घर से बाहर कम ही निकलती थीं और पढ़ाई तथा काम में ही ध्यान देती थीं।
हादसा कैसे हुआ?
पिता शंकर शाह ने बताया कि शनिवार और रविवार की छुट्टी के कारण दोनों बहनें घर आई थीं। सोमवार सुबह ट्रेन पकड़ने के लिए करीब पाँच बजे घर से निकलीं। दोनों ने ऑनलाइन टिकट लेकर 13212 दानापुर-जोगबनी इंटरसिटी एक्सप्रेस में दीघा से ट्रेन पकड़ी थी। मुजफ्फरपुर आने पर भगवानपुर रेल फाटक के पास ट्रेन सिग्नल न मिलने से रुकी रही। चूंकि उनका अपार्टमेंट पास में ही था, इसलिए दोनों बहनें ट्रेन से उतर कर पैदल जाने लगीं। तभी ट्रेन चल पड़ी और रेल पटरी पर गिर गईं। दूसरी तरफ से आ रही मौर्य एक्सप्रेस से दोनों कट गईं। शुरू में एक बहन को बचाने के चक्कर में दूसरी भी हादसे का शिकार हो गई।
हादसे के बाद का दृश्य
घटना के बाद रेल अधिकारियों में अफरा-तफरी मच गई। आरपीएफ, जीआरपी और स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची। सदर थाना के एसआई संजय कुमार ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराया। मौके पर दोनों बहनों का मोबाइल, लैपटॉप, छाता और खाने का सामान बिखरा पड़ा था, जिसे पुलिस ने बाद में परिजनों को सौंप दिया।
परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
मौत की खबर मिलते ही माता-पिता बेहोश होकर गिर पड़े। उन्हें संभालने में परिवार और पड़ोसी जुटे। बाद में शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया और विधिवत अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरी की गई। पूरे इलाके में शोक की लहर है। पड़ोसी बताते हैं कि बहनें बेहद शांत और व्यवहार में मधुर थीं।