मऊ: वाराणसी एमपी-एमएलए कोर्ट के अपर (अतिरिक्त) जिला न्यायाधीश सियाराम चौरसिया ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए नैनी जेल में बंद अभियुक्त बसपा सांसद अतुल राय (Atul Rai) के खिलाफ दुष्कर्म के मामले की सुनवाई की. एमपी-एमएलए कोर्ट ने सबूतों के अभाव में बसपा सांसद अतुल राय को बरी कर दिया है.
दरअसल अतुल राय घोषी से बसपा सांसद हैं, जिन पर एक लड़की से बलात्कार का मामला दर्ज किया गया था. शनिवार को कोर्ट ने उन्हें इस मामले में बरी कर दिया है. इस केस में अतुल राय पिछले 36 महीने से प्रयागराज की नैनी जेल में बंद रहे.
जबकि पीड़ित लड़की और उसके साथी ने अपने खिलाफ फर्जी मुकदमों से परेशान होकर सुप्रीम कोर्ट के बाहर पहले ही आत्मदाह कर खुदकुशी कर ली थी. वाराणसी के लंका थाने में युवती ने 01 मई 2019 को बसपा सांसद अतुल राय के खिलाफ रेप का केस दर्ज कराया था.
इस मामले में अतुल राय प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल में बंद है. फिर 16 अगस्त 2019 की सुबह रेप पीड़िता ने इस मामले के चश्मदीद गवाह के साथ सुप्रीम कोर्ट के सामने ज्वलनशील पदार्थ डालकर खुद को आग लगा ली थी.
कोर्ट के सामने ज्वलनशील पदार्थ डालकर खुदकुशी की
जिसके बाद दोनों को गंभीर हालत में दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां 9 दिनों बाद दोनों की मौत हो गई थी. आत्मदाह के प्रयास की घटना के बाद यूपी सरकार ने पूरे प्रकरण की जांच डीजी और एडीजी को सौंपी.
चश्मदीद के साथ कर लिया था आत्मदाह
इस हाई प्रोफाइल केस में वाराणसी में जांच अधिकारी तत्कालीन भेलूपुर सीओ अमरेश सिंह बघेल को संदिग्ध पाए जाने पर 30 नवंबर 2020 को सरकार से निलंबित कर दिया गया था. इसके साथ ही एसआईटी ने सीओ बघेल का बयान भी लिया था.
रेप के मामले में MP-MLA कोर्ट ने दी जमानत
जानकारी के अनुसार सीओ अमरेश सिंह बघेल मामले के जांच अधिकारी थे और उन्होंने जांच के बाद बसपा सांसद को क्लीन चिट दे दी थी. उधर, रेप पीड़िता की मौत के बाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार को मामले की जांच कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया था.