2024 लोकसभा चुनाव से पहले ही रणनीति बनाई जा रही है। यूपी में योगी सरकार ने जिलों में प्रभारी मंत्री बनाए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कई वरिष्ठ मंत्रियों को दो-दो जिलों का प्रभार सौंपा है। कैबिनेट मंत्री नंदी को दो जिलों की जिम्मेदारी मिली है। बता दें कि इनमें कानपुर नगर मिर्जापुर का नाम शामिल हैं। वहीं सुरेश खन्ना को लखनऊ और गोरखपुर का प्रभारी मंत्री बनाया गया है। सूर्य प्रताप शाही को आजमगढ़ और अयोध्या का प्रभारी मंत्री बनाया गया है। स्वतंत्र देव सिंह को प्रयागराज और बांदा का प्रबारी मंत्री बनाया गया। नितिन अग्रवाल को प्रतापगढ़ का प्रभारी बनाया है।
वहीं आशीष पटेल सुल्तानपुर के प्रभारी मंत्री बने हैं। डॉ. संजय निषाद बहरािच के प्रभारी मंत्री बने। राकेश सचान को फतेहपुर का प्रभारी मंत्री बनाया गया है। बेबी रानी मौर्य झांसी की प्रभारी मंत्री बनी है। बताते चलें कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी 2024 में क्लीन स्वीप को लेकर सियासी तानबाना बुन रही है। वहीं मंत्री मंडलों और जिलों का दौरे तो करेंगे ही, साथ ही अब मुख्यमंत्री और दोनों डिप्टी सीएम भी मोर्चा संभालेंगे। योगी सरकार 2.0 के गठन के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा चुनाव 2022 के लोक कल्याण संकल्प पत्र के संकल्पों को पांच साल की बजाए दो वर्ष में यानी 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले पूरा करने का टारगेट रखा है। ऐसे में सभी विभागों से 100 दिन, छह माह, एक साल, दो वर्ष व पांच वर्ष की कार्ययोजना तैयार कराई गई. यह कार्ययोजना तय समय के साथ साकार होती चले, जिसके लिए योगी आदित्यनाथ ने अपने 18 कैबिनेट मंत्रियों को एक-एक मंडल का प्रभार सौंप रखा है।
प्रभारी मंत्री जिलों में 24 घंटे बिताएं
मुख्यमंत्री ने प्रभारी मंत्रियों को उनके जिले का नियमित दौरा करने और जिले में कम से कम 24 घंटे बिताने के निर्देेश दिए। उन्होंने जिलों के दौरों के दौरान होने वाली बैठकों में जनप्रतिनिधियों को शामिल करने के भी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने जनता से सीधा संवाद करने, तहसील या विकास खंड का औचक निरीक्षण करने, दलित या मलिन बस्ती में सहभोज भी करने के निर्देश दिए। उन्होंने विकास कार्यों का स्थलीय निरीक्षण कर गुणवत्ता की जांच करने, कानून व्यवस्था की समीक्षा के साथ महिला सुरक्षा, एससी-एसटी के प्रकरणों में अभियोजना की स्थिति की समीक्षा करने के निर्देश दिए।
हर सप्ताह करें समीक्षा
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सभी मंत्री अपने विभाग की हर हफ्ते समीक्षा करें और सहयोगी राज्यमंत्री को भी इन बैठक में आमंत्रित करें। विभाग की जनहित की परियोजनाओं के क्रियान्वयन में राज्य मंत्रियों को भी जिम्मेदारी दी जाए। जिला मानीटरिंग कमेटी व उद्योग बंधु की बैठक नियमित अंतराल पर आयोजित की जाएं। व्यापारियों की समस्याओं का समाधान किया जाए। मुख्यमंत्री ने मंत्रिमंडल के सहयोगियों को अपने सरकारी आवास पर रात्रिभोज पर भी आमंत्रित किया। इसमें उन्होंने मोटे अनाज (मिलेट्स) का बना भोजन खिलाया। प्रधानमंत्री के निर्देश पर पूरे देश में इस वर्ष मिलेट वर्ष मनाया जा रहा है।
योगी ने सभी मंत्रियों को निर्देश दिए कि वे अपने क्षेत्र में स्थानीय जनप्रतिनिधियों व बुद्धिजीवी वर्ग के लिए सहभोज आयोजित करें और मोटे अनाज का भोज खिलाएं। क्योंकि यह अत्याधिक पौष्टिक होता है, इसलिए इसे बढ़ावा दें।