उत्तर प्रदेश: बदायूं में अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने दावा है कि शहर में उनके एक धर्मस्थल में तोड़फोड़ की गई और कब्जा कर लिया गया. उनके अवशेष आज भी कोतवाली क्षेत्र में मौजूद हैं. इस मामले में महासभा की राष्ट्रीय अध्यक्ष राजश्री चौधरी ने संगठन के प्रदेश संयोजक मुकेश सिंह पटेल को अधिकृत करते हुए कोर्ट में मुकदमा दायर किया गया है.
जिसके बाद मामले में विपक्ष के लिए अपना पक्ष रखने की अगली तारीख 15 सितंबर तय की गई है. अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने शहर के एक इलाके में स्थित धर्मस्थल को अपना होने का दावा किया है. महासभा द्वारा मुकेश पटेल के अलावा अधिवक्ता अरविंद पाल सिंह परमार, ज्ञानेंद्र प्रकाश, डॉ. अनुराग शर्मा और उमेश चंद शर्मा भी वादी हैं.
जबकि इंतजामिया समिति जामा मस्जिद, उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वफ बोर्ड यूनियन ऑफ इंडिया, उत्तर प्रदेश राज्य पुरातत्व विभाग, बदायूं डीएम और मुख्य सचिव, राज्य सरकार को पक्षकार बनाया गया है. इस मुकदमे में दावा किया गया है कि बदायूं जिला एक ऐतिहासिक नगर रहा है. यहां राजा महिपाल सिंह का किला था.
उस किले के अवशेष आज भी मौजूद हैं. इसके अलावा उस किले में ही एक ऐतिहासिक धार्मिक स्थल है. जहां पूजा होती थी, लेकिन आक्रमणकारियों ने उसे तोड़कर उस पर कब्जा कर लिया. उन्होंने मांग की हैं कि धर्मस्थल को उसके पुराने रूप में लौटाया जाए और उसे सौंप दिया जाए. इस मामले में 15 सितंबर को सुनवाई होनी है.
उन्होंने मौके पर धर्मस्थल से जुड़े साक्ष्य मौजूद होना बताया है. इसी के साथ धार्मिक स्थल का निरीक्षण कर उसके अवशेषों की फोटोग्राफी व वीडियोग्राफी की जाए. सिविल जज सीनियर डिवीजन विजय कुमार गुप्ता ने हिंदू महासभा के दावे को दर्ज करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने सुनवाई के लिए 15 सितंबर 2022 की तारीख तय की है.