निकाय चुनाव में मतदान से पहले ही पार्टी पदाधिकारियों में खींचतानी के चलते कांग्रेस पार्षद की 25 सीटों से बाहर हो गई है। कुछ सीटों पर नामांकन ही नहीं हो सका है तो कुछ उमीदवारों के पर्चे ही खारिज हो गया है। इसके साथ ही करीब 24 सीटों पर कांग्रेस की तरफ से दो -दो उम्मीदवारों ने आवेदन किया है। वहीं पार्टी एक-एक नाम वापस करवा प्रत्याशी की स्थिति स्पष्ट करने की कवायद में जुटे है। नाम वापस लेने का गुरुवार यानी कि आज आखिर दिन है। ऐसे में एक दिन पहले मंगलवार तक नाम तय करने को लेकर का कवायद चलती रही।
मतदान से पहले ही चुनावी रण से बाहर हुई कांग्रेस
निकाय चुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया सोमवार को पूरी हो गई। नामांकन से नाम वापस लेने का आज आखरी मौका है। कांग्रेस की ओर से करीब 24 सीटों पर दो या दो से अधिक लोगों ने नामांकन कर दिया है। इसमें से 7 सीटें ऐसी हैं जिनके पास नामांकन करने वाले सभी उम्मीदवारों के पर्चे अलग-अलग कारणों से खारिज हो चुके हैं। इनमें से कुछ ने बिना पार्टी के नामांकन किया था, जबकि उसको सिंबल देरी से दिया गया था।
वहीं करीब 25 सीटें ऐसी हैं जिन पर पार्टी की तरफ से किसी प्रत्याशी ने नामांकन ही नहीं किया है। सूत्रों के अनुसार पदाधिकारियों की खींचतानी में नामांकन नहीं हो सके और पार्टी मतदान से पहले ही चुनावी रण से बाहर हो गई। सूत्रों के अनुसार नामांकन पत्रों में गड़बड़ियों की वजह से कुछ सीटों पर हुए नामांकन खारिज होने की जानकारी मिली है। करीब 24 सीटों पर डबल नामांकन हो गए हैं। ऐसी सीटों पर एक उम्मीदवार का नाम का नामांकन वापस करवा जाएगा।
इन सीटों पर नहीं हुए नामांकन…
लालजी टंडन, कल्याण सिंह , न्यू हैदराबाद तृतीय ,बालागंज प्रथम, जानकीपुरम प्रथम, आलमनगर, फैजुल्लागंज प्रथम, कन्हैया माधवपुर प्रथम, रानी लक्ष्मीबाई ,भारतीय हरिश्चंद्र ,और कदम रसूल वार्ड के लिए पहली सूची में घोषित उम्मीदवारों ने नामांकन नहीं किया।
बीजेपी के प्रवक्ता संजय चौधरी का कांग्रेस पर निशाना
बताया जा रहा है कि पदाधिकारियों की खींचतानी में पहली सूची अवैध करार करते हुए दूसरी सूची जारी करने की बात की गई थी। ऐसे में नामांकन नहीं हो सके.. वही इंदिरानगर, लाल बहादुर शास्त्री,लेबर कॉलोनी, बाबू कुंज, बिहारी गीतापल्ली सहित कई वार्डों में पार्टी सिंबल मिलने का दावा करते हुए दो-दो लोगों ने नामांकन किया है। वहीं बीजेपी के प्रवक्ता संजय चौधरी का कहना है कि जब शीर्ष नेतृत्व ही ध्यान नहीं दे रहा है तो पार्टी में ये सब होना सोभाविक है। ऐसी स्थिति में जब उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव है और कांग्रेस का नेतृत्व करता हमेशा ही पीछे ही रहा है।
कांग्रेस के प्रांतीय अध्यक्ष के दखल पर उम्मीदवारों की सूची में बदलाव
नामांकन प्रक्रिया से पहले ही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की तरफ से सोशल मीडिया पर उम्मीदवारों की सूची जारी की गई थी। इसके कुछ ही देर में सूची को अवैध घोषित कर दिया गया। हालांकि इसके बाद पार्टी की तरफ से कोई दूसरी सूची जारी नहीं की गई। बताया जा रहा है कि कांग्रेस के प्रांतीय अध्यक्ष के दखल पर सूची में बदलाव किया गया है। इसी दौरान स्थिति स्पष्ट नहीं होने से 16 प्रत्याशी सिंबल मिलने के बावजूद नामांकन नहीं कर सकते है। इससे नाराज प्रत्याशी ने मंगलवार को पार्टी की सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया है।
16 प्रत्याशियों ने पार्टी की सदस्यता से दिया त्यागपत्र
रीमा बाल्मीकि सोनू रावत, अमित गुप्ता, रीना यादव, पूजा श्रीवास्तव, अर्चना श्रीवास्तव, रिंकी मिश्रा, सुरेंद्र पाल, अशोक सोनकर, प्रदीप गुप्ता, इस्लामुद्दीन, रेखा सिंह, सुनील सिंह और हाशिम शामिल है। इन्होंने त्याग पत्र भी सौप दिया है। वहीं सपा प्रवक्ता का कहना है कि ये कांग्रेस के लिए बड़े ही दुर्भाग्य की बात है कि ऐसी स्थिति में कांग्रेस अपने उम्मीदवार को टिकट देती है। वहीं साथ ही कहा है कि समय पर पर्चे नही भरा जाना दुर्भाग्य पुर्ण है।
19 उमीदवारों का नामांकन नहीं किया, 6 का पर्चा खारिज
उत्तर प्रदेश के निकाय चुनावों में कांग्रेस पार्टी पर भी गंभीर आरोप लगे है कि पार्टी पहले लिस्ट जारी करती है। फिर उसे कैंसिल करती है। जिसके कारण बहुत से उम्मीदवार को पर्चा दाखिल करने में बड़ी समस्या का सामना करना पड़ा है। जिसके कारण 19 उमीदवारों ने नामांकन ही नहीं किया। साथ ही 6 उमीदवारों का पर्चा खारिज हो गया है। वहीं इस मुद्दे पर जब कांग्रेस के प्रवक्ताओं से वार्ता करने का प्रयास किया गया था। साफ था कि बोलने के लिए ऊपर से माना किया गया है। वहीं कांग्रेस के बड़े नेता भी इस मुद्दे पर चुपी साधे हुए है।