UP Politics : आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर मायावती बोली- ‘ एकजुट रहने की है ज़रूरत’

अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के कोटे में आरक्षण को मंजूरी देने के फैसले पर बसपा प्रमुख मायावती ने प्रतिक्रिया दी है।

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UP Politics : अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति में आरक्षण के तहत कोटे में कोटे को मंजूरी देने के फैसले पर बसपा प्रमुख मायावती ने प्रतिक्रिया दी है। रविवार को लखनऊ में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मायावती ने एससी-एसटी आरक्षण के तहत कोटे के विभाजन का विरोध किया।
आपको बता दें कि, मीडिया (UP Politics) से बात करते हुए उन्होंने कहा कि पंजाब राज्य के मामले में 20 साल पुरानी सुनवाई सही नहीं है और एससी-एसटी के बीच उपजातियों का विभाजन भी एक सही कदम नहीं होगा। मायावती ने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय कहीं न कहीं आरक्षण समाप्त करने की दिशा में एक प्रयास जैसा प्रतीत होता है।
SC के फैसले पर मायावती का बयान
बसपा सुप्रीमो मायावती ने रविवार को कहा कि, “अगर बीजेपी खुद को दलितों का हितेषी मानती है, तो उसे संसद में सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को पलटने की कोशिश करनी चाहिए। आज भी अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के 90 प्रतिशत लोगों की हालत बहुत खराब है।”

इसके साथ ही उन्होंने आगे कहा, “सुप्रीम कोर्ट को अपने इस निर्णय पर पुनर्विचार करना चाहिए। इस फैसले के बहाने राज्य सरकारें एससी-एसटी के लिए आरक्षित सीटों को निष्प्रभावी बना सकती हैं।” मायावती ने स्पष्ट रूप से कहा कि भविष्य में आरक्षण में किसी भी प्रकार के बदलाव की कोशिशों को रोका जाना चाहिए।

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सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (SC/ST) के आरक्षण को लेकर एक महत्वपूर्ण निर्णय सुनाया है। अदालत ने एससी-एसटी में कोटे के भीतर कोटे को मंजूरी दे दी है। चीफ जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली सात जजों की संविधान पीठ ने 6-1 के बहुमत से यह फैसला सुनाया। इस फैसले के बाद देश में सियासी माहौल गर्म हो गया है।

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